पेट्रोल और डीजल की महंगाई से बचने के लिए ईंधन पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए कई तरीके अपनाते हैं. इसी में से एक तरीका कारपूलिंक है, जो अब बेंगलुरु में प्रतिबंधित कर दिया गया है.
अगर कोई पेट्रोल पर आने वाले खर्च कम करने के लिए ये तरीका अपनाता है तो उसे 10 हजार रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु परिवहन विभाग ने टैक्सी ड्राइवरों की शिकायतों के बाद क्विक राइड और अन्य मोबाइल ऐप्स का उपययोग करके कारपूलिंग पर बैन लगा दिया है. परिवहन विभाग के अतिरिक्त आयुक्त मल्लिकार्जुन सी ने टीओआई को बताया कि इन ऐप्स से कारपूलिंग करने लोगों को गंभीर परिणाम से गुजरना पड़ सकता है.
कारपूलिंग करने पर क्या होगा?
अधिकारी ने बताया कि अब ये गैरकानूनी हो चुका है और ऐसा करने वालों की आरसी को छह महीने तक के लिए निलंबित किया जा सकता है. साथ ही उनपर 5 हजार रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. परिवहन विभाग ने इसे गैरकानूनी करार देने के पीछे तर्क दिया है कि कारपूलिंग ऐप्स उन निजी कार को इकट्ठा करके नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जो कमर्शियल यूज के लिए रजिस्टर्ड नहीं हैं.
क्या होता है कारपूलिंग?
कारपूलिंग एक ऐसा सिस्टम है, जिसके जरिए कार मालिक अपनी यात्रा के रास्ते में कुछ और लोगों को भी शामिल कर सकतें है और यात्रा के दौरान पेट्रोल आदि पर आने वाले खर्च को आपस में शेयर करते हैं. यह तरीका पेट्रोल पर आने वाले खर्च को कम करती है. अब ये व्यवस्था कई शहरों में बढ़ गई है, जिससे टैक्सी चालक आदि को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
टैक्सी चालक यूनियन की शिकायत
टैक्सी ड्राइवर यूनियंस की ओर से कई शिकायतें मिलने के बाद परिवहन विभाग ने इसपर विचार किया और अब इसे बैन कर दिया गया है. कर्नाटक राज्य चालक परिषद के के सोमशेखर ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि क्विक राइड, जूम और अन्य जैसे ऐप बिना किसी लाइसेंस के काम कर रहे हैं.
कारपूलिंग पर स्पष्टता नहीं
कारपूलिंग को समर्थन देने वाले लोगों का तर्क है कि यह यातायात की भीड़ को कम करने और ईंधन की खपत को कम करने की अच्छी व्यवस्था है. बेंगलुरु की सड़कों पर वाहनों की संख्या 1.1 करोड़ से अधिक होने के साथ, जिनमें 73.6 लाख दोपहिया और 23.5 लाख चार पहिया वाहन शामिल हैं.