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हैकिंग की जद में बिजली सेक्टर, निशाना बना सकता है चीन?

नई दिल्ली। बिजली सेक्टर से जुड़े इक्वीपमेंट्स बनाने वाली भारतीय कंपनियों ने एक बड़े संभावित खतरे की ओर ध्यान दिलाया है। इन्होंने आशंका जताई है कि देश में बिजली का ट्रांसमिशन नेटवर्क हैक हो सकता है। इसकी वजह शहरों की इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड्स को बेहतर बनाने के लिए बिजली वितरण से जुड़े सिस्टम में चीनी कंपनियों की बढ़ती दखल और SCADA सिस्टमों को बताया गया है।

बता दें कि बिजली के वितरण नेटवर्क की हैकिंग पर आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे मामले अब दुनिया के सामने आने लगे हैं। सबसे पहला उदाहरण उक्रेन का मिलता है। 23 दिसंबर 2015 को पश्चिमी यूक्रेन का एक ग्रिड कंट्रोल रूम और पावर बैकअप सिस्टम हैक हो गया। करीब 30 सब स्टेशन ग्रिड से कट गए। इसकी वजह से देश के 2 लाख 30 हजार लोगों को बिना बिजली के कई घंटे बिताने पड़े।

SCADA (सूपर्वाइज़री कंट्रोल एंड डेटा अक्वीज़िशन) एक कम्प्यूटर आधारित इंडस्ट्रियल सिस्टम है, जिसकी मदद से फैक्ट्रियां और दूसरे औद्योगिक केंद्रों में बिजली की सप्लाई ऑटोमैटिक तरीके से कंट्रोल होती है। यह सिस्टम ग्रिड में डिमांड और सप्लाई के बीच संतुलन बनाए रखता है।

ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को इंडियन इलेक्ट्रिकल इक्वीपमेंट मैन्युफ़ैक्चर असोसिएशन के डायरेक्टर जनरल सुनील मिश्रा ने लेटर लिखा है। उन्होंने लिखा है, ‘कनेक्टेड सिस्टम में इक्विपमेंट्स एक तरह से एक दूसरे से बातें करते हैं और डेटा और इन्फर्मेशन का आदान-प्रदान होता है। इससे सिस्टम बेहतर बनता है। हालांकि, इससे सिस्टम को कुछ ऐसे संदिग्ध लोगों, कंपनियों या देशों से खतरे की आशंका भी बढ़ जाती है, जो अपने फायदे के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।’

ऐसा पहली बार नहीं है जब बिजली इक्वीपमेंट्स बनाने वाली घरेलू कंपनियों ने चीनी कलपुर्जों का विरोध किया है। हालांकि, पूर्व में बिजली स्टेशनों के बॉयलर्स और जनरेटर्स पर खतरा बताया गया था। ऐसा पहली बार है, जब सामरिक स्तर पर चिंता जताई गई है।

SCADA से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट में कलपुर्जों की मरम्मत का क्लॉज भी शामिल है। इसकी वजह से कॉन्ट्रैक्ट करने वाली कंपनियां को मौके पर अपने लोग भी तैनात करने होते हैं। बिजली सेक्टर में SCADA का इस्तेमाल होने की वजह से सिस्टम में कम्प्यूटर बग डाले जाने की आशंका काफी बढ़ जाती है। हाल ही में चीनी कंपनियों ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी के 18 शहरों में SCADA से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए हैं। ऐसे कई और कॉन्ट्रैक्ट अभी होने हैं।

दूसरे देशों ने लिया सबक
फरवरी 2015
फिलीपींस ने चीन के स्टेट ग्रिड कॉर्पोरेशन के साथ तकनीकी सहयोग खत्म किया। सुरक्षा पर खतरे के मद्देनजर चीनी के टेक्निशियंस को देश से निकाला।

अगस्त 2016
ऑस्ट्रेलिया ने चीन के स्टेट ग्रिड कॉर्पोरेशन और हॉन्ग कॉन्ग की एक बिजली कंपनी के अपने देश में बिजली ट्रांसमिशन के सेक्टर में कारोबारी दखल बढ़ाने की कोशिश को नाकाम कर दिया।

अक्टूबर 2016
चीन की फुजियन ग्रांड चिप इन्वेस्टमेंट फंड एलपी की सहयोगी कंपनी जर्मनी के सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनी एक्सट्रॉन एसई का अधिग्रहण करना चाहती थी। जर्मनी ने पहले इजाजत दी, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया।