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हार के बाद भी लामज्वादी पार्टी में पारिवारिक घमासान चरम पर …

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को अपने इतिहास की सबसे करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। इस हार के बाद पार्टी की बुनियाद हिल गई है। पार्टी ने हार के कारणों की समीक्षा की बात तो की है लेकिन जिस तरह से पार्टी मे हार के बाद भी मतभेद उभर कर सामने आ रहे हैं उस से जो संकेत मिल रहे हैं वो इशारा कर रहे हैं कि पार्टी ने हार से सबक नहीं लिया है। चुनाव से पहले जिस तरह से सपा में कलह हुई थी। और पार्टी का निजाम बदला गया था। उसे हार  का एकक कारण माना जा रहा है। सपा के वरिष्ठ नेता और अखिलेश को पार्टी अध्यक्ष बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले राम गोपाल यादव एक बार फिर से चर्चा में हैं। पार्टी की हार के बाद पहली बार उन्होंने कोई बयान दिया है। रामगोपाल यादव ने कहा है कि हार के लिए भीतराघात और कुछ नेता जिम्मेदार हैं।

रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधिययां हार का प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि पार्टी के खिलाफ काम करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। राम गोपाल ने कहा पार्टी के सभी उम्मीदवारों से उनके फीडबैक जिलाध्यक्षों को सौंपने के लिए कहा जाएगा। इस बात का पता लगाया जाएगा कि कौन-कौन पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल था। जो भी नेता गलत काम में लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा। रामगोपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी को चुनाव में कुछ लोगों ने काफी नुकसान पहुंचाया है। गौरतलब है कि यूपी चुनाव में सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। लेकिन गठबंधन को चुनाव में केवल 54 सीटें हासिल हुई हैं। कांग्रेस तो केवल 7 सीट पर सिमट कर रह गई है। ऐसे में रामगोपाल का ये बयान इशारा कर रहा है कि वो शिवपाल को हार के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं।

यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि चुनाव से पहले अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच काफी लंबी खींचतान चली थी। जिसके बाद अखिलेश ने अपने पिता मुलायम और चाचा शिवपाल को हाशिए पर करते हुए पार्टी की कमान खुद संभाल ली थी. उसके बाद से ही शिवपाल यादव नाराज चल रहे हैं। वो कई मौकों पर अपनी नाराजगी जाहिर भी कर चुके हैं। शिवपाल ने तो नई पार्टी तक बनाने की भी बात कही थी। ऐसे में रामगोपाल का ये कहना कि पार्टी की हार के लिए जिम्मेदार लोगों में से किसी को बख्शा नहीं जाएगा बता रहा है कि समाजवादी पार्टी में घमासान अभी खत्म नहं हुआ है। बता दें कि चुनाव के नतीजे आने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि शिवपाल और अखिलेश सारे मतभेद भुलाकर एक साथ आ सकते हैं। लेकिन अब रामगोपाल ने फिर से कलह की चिंगारी को हवा दे दी है।

बता दें कि रामगोपाल यादव के बारे में कहा जाता है कि अखिलेश के हर फैसले के पीछए उनका हाथ है। अखिलेश रामगोपाल की सलाह पर ही पार्टी को चला रहे हैं। समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार चयन से लेकर कांग्रेस के साथ गठबंधन तक में रामगोपाल की सलाह अखिलेश ने ली थी। हाल ही में पार्टी विधायकों की बैठक के दौरान शिवपाल और अखिलेश एक मंच पर आए थे। उसके बाद से ये कहा जाने लगा कि पार्टी के लिए दोनों नेता सारे मतभेद भुलकर फिर से पार्टी को मजबूत करेंगे। लेकिन अब रामगोपाल का बयान जाहिर कर रहा है कि मतभेद की खाई काफी गहरी हो चुकी है। और वो हार के लिए सीधे तौर पर शिवपाल यादव को जिम्मेदार मान रहे हैं। शिवपाल हमेशा से कांग्रेस से गठबंधन के खिलाफ थे। वो कह भी चुके थे कि चुनाव के बाद बड़ा एलान करेंगे। फिलहाल सपा का घमासान फिर से चर्चा में है लेकिन इस बार किसी की दिलचस्पी उस पर नहीं है।