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हार्ट ऑफ़ एशिया सम्मेलन : पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाकर अफग़ानिस्तान के राष्ट्रपति ने दिल जीता

sartaj-aziz-ashraf-ghaniअमृतसर। अफ़ग़ानिस्तान की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्‍मेलन-हार्ट ऑफ़ एशिया में भारत, आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने में कामयाब रहा. दो दिन के सम्‍मेलन में शिरकत करने आए पाकिस्तान सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार को अफग़ानिस्तान के राष्ट्रपति के हाथों शर्मसार होना पड़ा. भारत ने भी उन्हें कोई ख़ास तवज्जो नहीं दी.

लाहौर से बमुश्किल 30 किलोमीटर दूर सरहद के बेहद करीब आयोजित इस सम्‍मेलन में भारत ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक हमला बोला. उसी के विदेश मामलों के सलाहकार की मौजूदगी में पड़ोसी मुल्क को कश्मीर में अस्थिरता फैलाने से बाज़ आने की सख्त चेतावनी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर वहां के हुक़्मरानों को खरी-खरी सुना दी. उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के बढ़ते पंजे से पूरे क्षेत्र को खतरा है. इन हालात में वहां शांति की बात भर करना पर्याप्त नहीं होगा. इसके लिए ठोस कदम उठाने होंगे. ये कदम सिर्फ आतंकवादियों के खिलाफ नहीं बल्कि उन्हें शरण देने वालों और फंड मुहैया कराने वालों के भी खिलाफ होने चाहिए.’

लेकिन सम्‍मेलन का बड़ा धमाका तो अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ गनी ने किया. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ से सीधे मुखातिब होते हुए उन्होंने तालिबान को पनाह देने के लिए निशाना साधा. उन्होंने कहा,”एक अफ़ग़ान तालिबान नेता ने बताया कि पाकिस्तान में पनाह न मिले तो वो एक महीना भी नहीं टिक सकते.” फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज से मुख़ातिब होते हुए उन्होंने कहा,’जो 500 मिलियन डॉलर आप अफ़ग़ानिस्तान को दे रहे हैं वो पाकिस्तान में अतिवाद के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है.”
पाकिस्तान का भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ सरताज अजीज की एक तस्वीर अपने मीडिया में भिजवाकर रिश्तों में गर्मजोशी दिखाने का हथकंडा कामयाब नहीं हो सका. अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़े पाकिस्तान की तरफ से सफाई भी आई. सरताज अज़ीज़ की तरफ़ से जारी वक्तव्य में कहा गया कि अफ़ग़ानिस्तान में आंतरिक सुरक्षा के हालात बेहद जटिल हैं. हाल के दिनों में जो हिंसा बढ़ी है, उसके लिए किसी एक देश पर अंगुली उठाना सही नहीं होगा.

सम्मेलन का समापन अमृतसर घोषणा पत्र के ऐलान के साथ हुआ. अफ़ग़ानिस्तान और इस क्षेत्र में आतंकवाद के ख़िलाफ़ रणनीति की रूपरेखा तय की गई और पहली बार पाकिस्तान की ज़मीन पर पनपने वाले जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया गया है.