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हाईवे पर दरिंदगी: अब तक चुप रहे दो परिवारों ने सुनाई ‘आपबीती’

ग्रेटर नोएडा। यूपी के जेवर में बीते गुरुवार को यमुना एक्सप्रेसवे पर हत्या और कथित गैंपगेप के मामले में की जांच अभी जारी ही है कि इस बीच कुछ और लोगों ने दावा किया कि उन्हें भी सिकंदराबाद-बुलंदशहर रोड पर कुछ ऐसे ही ‘हादसे’ से गुजरना पड़ा था, लेकिन अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा के चलते उन्होंने सामने आकर यह बात नहीं बताई। जेवर के आसपास के ही रहने वाले इन पीड़ित परिवारों ने जो कहानी बताई है उससे साफ समझ आ रहा है कि बुलंदशहर गैंगरेप की घटना के काफी पहले से ही हाईवे पर ‘दरिंदगी’ का खेल चल रहा था, लेकिन पुलिस के पास सिर्फ लूटपाट की शिकायत की जाती थी।

हमें ऐसे दो परिवारों का पता चला है। इनमें से एक परिवार के मुखिया ने बताया कि उनके साथ लूटपाट और हमले की घटना पिछले साल 5 मई को हुई थी। उस वक्त उनके साथ उनकी पत्नी और 5 साल का बेटा भी था। उन्हें शिकार बनाए जाने का तरीका भी ठीक वैसा ही था। उन्हें और उनकी पत्नी को भी खेतों में ले जाया गया था। उन्होंने बताया कि उस दिन रात 9.15 बजे वे बुलंदशहर से जेवर लौट रहे थे। तभी अचानक उनकी कार के पहिए की तरफ कोई ऐसी नुकीली चीज फेंकी गई जिससे कार रुक गई और हमलावर उन पर टूट पड़े।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनके बच्चे और उनकी पत्नी को किसी तरह का कोई नुकसान पहुंचा गया था, उन्होंने सीधे तौर पर तो नहीं पर इशारों में सब कह दिया। उन्होंने बताया, ‘हमारे साथ भी बिल्कुल वही हुआ था जिसके बारे में आप इन दिनों खबरों में सुन रहे हैं। हम चुप रहे क्योंकि समाज में हमारी एक प्रतिष्ठा है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने चुप रहकर किसी तरह अपनी जान बचाई। आप जितना बोलेगे वे आपको उतना ही मारेंगे।’ यह घटना जिस जगह हुई, वह सबोता मुस्तफाबाद के सामने रामनेर गांव में आती है। अगले दिन यानी 6 मई को जेवर पुलिस स्टेशन में लूटपाट और शारीरिक हमले की शिकायत पर FIR दर्ज की गई थी, लेकिन रेप की शिकायत दर्ज नहीं कराई गई।

इसी तरह जेवर के ही रहने वाले एक अन्य परिवार ने भी ऐसी ही आपबीती सुनाई। उनके साथ यह घटना पिछले साल 4 अप्रैल को नैथला हसनपुर गांव के पास हुई थी जो बुलंदशहर जिले में आता है। इस परिवार के पांच लोग बुलंदशहर से जेवर लौट रहे थे जब 6-7 लोगों ने समूह ने उन पर घात लगाकर हमला कर दिया। इस मामले में छोला पुलिस चौकी में लूटपाट और शारीरिक हमले की शिकायत दी गई थी, पर कोई केस फाइल नही किया गया।

4 अप्रैल और फिर 5 मई को हुई इन घटनाओं के बाद पिछले साल 2 जुलाई को जब बुलंदशहर गैंगरेप की घटना हुई, उस वक्त पूर्व एसपी (ग्रामीण) अभिषेक यादव ने इन दोनों परिवारों से संपर्क किया था। परिवार ने बताया, ‘हमें कुछ अपराधियों की पहचान करने के लिए बुलंदशहर बुलाया गया था जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हमने उनमें से तीन को पहचान लिया।’

कुछ दिन पहले ही जेवर में तैनात हुए SHO राजपाल तोमर ने कहा कि उन्हें इन अपराधों की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘चूंकि आपने यह बात हमारे संज्ञान में लाई है, मैं इसकी विस्तृत जानकारी मंगवा कर इसकी जांच शुरू करवाता हूं।’ उधर बुलंदशहर एसएसपी के जनसंपर्क अधिकारी मुनिराज जी ने कहा, ‘अगर ऐसी कोई घटना हुआ है तो इससे जुड़ी हर डीटेल देखी जाएगी।’ बता दें कि जेवर में हाल में हुए घटना में 4 महिलाओं द्वारा लगाए गए रेप के आरोपों की जांच अभी जारी है, पुलिस मेडिकल और फरेंसिक सबूतों का इंतजार कर रही है।