लखनऊ। उत्तर प्रदेश उपचुनाव में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी बुरी तरह पिछड़ गई है. अब तक हुई वोटों की गिनती में फूलपुर में समाजवादी पार्टी के नागेंद्र पटेल और गोरखपुर में प्रवीण निषाद निर्णायक बढ़त की ओर अग्रसर हैं. रुझानों में बीजेपी के प्रत्याशियों के निर्णायक रूप से पिछड़ने के बाद उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि पूरी तरह चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी इसकी समीक्षा करेगी. उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक साथ आने से समीकरण बदले हैं.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक केशव प्रसाद मौर्या ने कहा, ‘हमें उम्मीद न थी कि बसपा के वोट सपा प्रत्याशी को इस कदर ट्रांसफर होंगे. हम समीक्षा करेंगे कि 2019 में जब सपा, बसपा और कांग्रेस एक साथ होंगे तो उनसे कैसे मुकाबला किया जाए.’
We didn’t expect that BSP’s vote will be transferred to SP in such a manner. We will analyze after seeing the final results & prepare for a situation in future when BSP, SP & Congress can come together & also make our strategy for winning 2019 elections: KP Maurya, Deputy CM pic.twitter.com/XOLQrg7cG4
— ANI UP (@ANINewsUP) March 14, 2018
इससे पहले सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि बीएसपी के गठबंधन की बदौलत हम जीत रहे हैं. दरअसल, बीएसपी ने उपचुनाव में अपने किसी प्रत्याशी को नहीं उतारा था और पार्टी प्रमुख मायावती ने सपा के साथ तालमेल की बात करते हुए समर्थन देने की बात कही थी. उसी पृष्ठभूमि में रामगोपाल यादव के इस बयान के मायने निकलते हैं.
इसके साथ ही इस तालमेल को 2019 लोकसभा चुनावों के लिहाज से दोनों दलों के लिए लिटमेस टेस्ट के रूप में भी देखा जा रहा था. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक यानी यदि ये तालमेल गोरखपुर और फूलपुर में कामयाब होगा तो अगले लोकसभा चुनावों में ये दोनों दल ‘मोदी लहर’ को रोकने के लिए महागठबंधन बना सकते हैं. ऐसे में सपा की बढ़त के साथ बीएसपी को क्रेडिट देकर रामगोपाल यादव ने संभावित सियासी बिसात के संकेत दे दिए हैं.
1993 के बाद पहली बार सपा और बसपा के बीच इन चुनावों में तालमेल हुआ है. 1995 में इस गठबंधन के टूटने के बाद दोनों दलों के बीच लंबे समय तक कड़वाहट देखने को मिली.
मालूम हो कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से गोरखपुर सीट खाली हुई है. वहीं केशव प्रसाद मौर्य के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद फूलपुर लोकसभा सीट खाली हुई है.