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स्टेज पर नंगे होकर प्रदर्शन करने वाली कॉमेडियन: जिसे है बुर्के से प्यार, करती है हिंदू देवी-देवता से नफरत

पिछला कुछ समय देश के स्टैंड अप कॉमेडी करने वालों के लिए बिलकुल अच्छा नहीं रहा है। पूरी बहस अग्रिमा जोशुआ विवाद से शुरू हुई लेकिन अब इसकी आँच सभी कॉमेडियनों तक पहुँच गई है। अब कॉमेडीयंस के ट्वीट, स्क्रीनशॉट और उनके कार्यक्रमों के छोटे-छोटे हिस्से सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। जिसके बाद कुछ को अपना ट्विटर एकाउंट तक बंद करना पड़ा।

यह पूरा घटनाक्रम शुरू हुआ बड़े ही जोश में। लेकिन अंत में इन ‘कॉमेडियंस’ पर आकर ख़त्म हो गया, जो कथित क्रांति के उन्माद में चूर हैं। ऐसे कॉमेडियन जो भाजपा पर फास्टिस्ट होने का आरोप लगाते रहे हैं, अंत में वो महा विकास अघाड़ी की गठबंधन सरकार और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से झुक कर माफ़ी माँगते दिख रहे हैं।

ऐसी ही एक कॉमेडियन हैं जिनके ट्वीट और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे, नाम है – ‘राधिका वाज’। राधिका ऐसी महिला हैं, जिसे बहुत पसंद भी नहीं किया जाता है, लेकिन हँसी-मज़ाक को ढाल बना कर वो अपना घटिया रवैया और अनैतिकता छिपाती हैं।

इस बार भी यही हुआ। जैसे ही उनके ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल होने शुरू हुए, तब खुद को फँसा देख उसने इस मामले पर सफाई दी। उसने अपने बचाव में कहा, “मैंने किसी धर्म का मज़ाक नहीं उड़ाया है। बल्कि इंसानों के बनाए हुए रिवाज़ों पर सवाल उठाया है।” यानी इतना दबाव बढ़ने और महसूस करने के बाद वह उतनी क्रांतिकारी नहीं रह गई।

राधिका वाज का ट्वीट

एक वक्त हालाँकि ऐसा भी था, जब राधिका वाज़ कुछ ज़्यादा ही क्रांतिकारी महसूस कर रही थीं। इतना कि सार्वजनिक मंच पर बिना कपड़ों के कॉमेडी कर रही थी। साल 2015 में एक शो हुआ था ‘WHAT THE F**K SHOULD I WEAR?’ शीर्षक के मुताबिक़ ही राधिका अपने भ्रम का प्रदर्शन करने के लिए स्टेज पर ‘नंगे’ होकर कॉमेडी कर रही थी।

बदकिस्मती से राधिका के चुटकुले औसत भी नहीं थे और कॉमेडी भी बहुत अच्छी नहीं थी। वीडियो देख कर किसी के ज़हन में यह सवाल उठना लाज़मी है कि देखने वाले राधिका के चुटकुलों पर हँस रहे थे या खुद उसे देख कर। कुल मिला कर वीडियो कॉमेडी नहीं नज़र आती बाकी नैतिक उपदेश ज़रूर सुनाई देते हैं।

 

अपने एक और वीडियो में इस कॉमेडियन ने बेहद घटिया तरीके से करवा चौथ का मज़ाक बनाया। राधिका के मुताबिक़ जो औरतें अपने पतियों की सेहत और उम्र के लिए व्रत रखती हैं, वह ‘bi*ch’ (अपशब्द, कुतिया) हैं। दो मिनट की वीडियो में राधिका ने घटिया शैली में इस धार्मिक त्यौहारों का मज़ाक बनाया था।

सरल शब्दों में कहना गलत नहीं होगा कि राधिका के हँसी-मज़ाक का तरीका बहुत ही विचित्र और अपरम्परागत है। मिसाल के तौर पर, उसने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि अपने पिता को ‘डैड’ नहीं बुलाती बल्कि ‘motherf*cker’ (अपशब्द, मादर*#द) कहती हैं।

राधिका वाज का ट्वीट

फादर्स डे के दिन भी राधिका ने बेहद घटिया तरीके से अपनी बात रखी। उसने ट्वीट करते हुए लिखा कि बाकियों के पास दुनिया के सबसे अच्छे पिता होंगे लेकिन उसके पास दुनिया के सबसे शानदार ‘motherf*cker’ (अपशब्द, मादर*#द) हैं।

राधिका वाज का ट्वीट

इतना ही नहीं राधिका के मन में महिलाओं के जननांग के लिए बेहद घटिया तरह की सनक है। वह हिंदू त्यौहारों का मज़ाक उड़ाने के लिए अक्सर महिला जननांग का ज़िक्र लेकर आती है।

राधिका वाज का ट्वीट

राधिका वाज बिना किसी लिहाज़ के गाली-गलौच भी खूब करती हैं। हर इंसान जो उसके ट्वीट पर जवाब देता है, उसे राधिका की गालियों का बराबर सामना करना पड़ता है। राधिका की गालियाँ सोशल मीडिया पर चलने वाले ‘गालियों भरे ट्रोल्स’ जितनी ही बुरी होती हैं। कभी-कभी तो उससे भी बद्तर।

राधिका वाज का ट्वीट

राधिका हिंदू धर्म, मान्यताओं और हिंदू धर्म से जुड़े लोगों की भावनाएँ आहत करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ती है। वहीं इस्लाम धर्म के लिए राधिका का रवैया/नज़रिया बेहद नर्म है। एक ऐसी कॉमेडियन, जो स्टेज पर बिना कपड़ों के कॉमेडी करती है, वही इस्लाम धर्म के पहनावे बुर्के और हिजाब में बराबर रूचि रखती है। जी हाँ, नीचे उसके ट्वीट का स्क्रीनशॉट इसका गवाह है।

राधिका वाज का ट्वीट

राधिका को हिंदू धर्म से जुड़ी हर चीज़ से नफ़रत है, हिंदू आदमियों से भी। उसका दावा है कि भारत दुनिया का चौथा सबसे खतरनाक देश है और इसके लिए हिंदू धर्म के आदमी ज़िम्मेदार हैं।

राधिका वाज का ट्वीट

राधिका अक्सर ऐसा दावा करती है कि उसने कभी हिंदू धर्म का मज़ाक नहीं बनाया। जबकि पिछले कुछ समय उसने ऐसे तमाम ट्वीट किए हैं, जो सीधे तौर पर धर्म का मज़ाक बनाते हैं। शायद उनकी अंग्रेजी सही नहीं है, इसलिए ऐसा बोल रही होंगी। जबकि ट्वीट में जो लिखा है, उस अंग्रेजी का मतलब बेहद घटिया है।

‘वाक ऑफ़ शेम’ का मतलब होता है – जब कोई व्यक्ति संभोग (वो भी बिना प्लानिंग के) कर लौट रहा हो। और इस दौरान उसने वही कपड़े पहने हों, जो उसने पिछली रात में रहने थे। राधिका ने ठीक यही वाक्य ‘वाक ऑफ़ शेम’ ‘लक्ष्मी’ (देवी) के लिए उपयोग किया। इसके बाद राधिका ऐसा दावा करती हैं कि उसने कभी हिंदू धर्म का मज़ाक नहीं बनाया।

राधिका वाज का ट्वीट

इन बातों, ट्वीट, वीडियो और स्क्रीनशॉट के आधार पर इतना साफ़ है कि राधिका का नज़रिया कैसा है। कैसे वह हर बार एक ही धर्म और एक ही समुदाय के लोगों को निशाना बनाती है। असल मायनों में उसका क्रांतिकारी रवैया अंदर से पूरी तरह खोखला है। वह जितनी बार स्टेज पर होती है, जैसे ही उसे अंदाज़ा होता है कि उसके सामने न्यायिक चुनौतियाँ आ सकती हैं, वैसे ही वो अपने कथित सिद्धांतों से समझौता कर लेती है।