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सोनिया-राहुल को बढ़ा झटका, UP में राजीव गांधी ट्रस्ट को सरकार ने थमाया नोटिस !

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश की सरकार ने अब राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्‍ट पर शिकंजा कसना शुरु दिया है। यूपी के रायबरेली के जायस में वूमेंस वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर के इस्तेमाल के लिए दस हजार वर्ग मीटर जमीन पर अब सरकार की नजर टिक गई है। इस मामले में प्रशासन ने राजीव गांधी ट्रस्‍ट को नोटिस भेज दिया है। सरकार को राजीव गांधी ट्रस्‍ट की इस जमीन में बड़ा खेल होने की आशंका नजर आ रही है। अथॉरिटीज ने इस मामले में राजीव गांधी ट्रस्‍ट की इस जमीन पर उससे जवाब मांग लिया है। दरअसल, अफसरों का कहना है कि इतनी बड़ी जमीन कभी भी राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्‍ट को दी ही नहीं गई। इसी के चलते इस जमीन के लैंड यूज के कागजात इस ट्रस्‍ट के लोगों से मांगे गए हैं।

सोनिया गांधी राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्‍ट की चेयरपर्सन हैं। जबकि उनके बेटे यानी राहुल गांधी इसके ट्रस्‍टी। उधर, कांग्रेस का कहना है कि सरकार की ओर से उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है। वहीं दूसरी ओर रायबरेली के एसडीएम अशोक शुक्‍ला का कहना है कि कन्सॉलिडेशन के वक्‍त कुछ जमीन कॉमन पब्लिक फैसिलिटीज के लिए अलग रखी जाती है। जिसमें स्‍कूल और हॉस्पिटल बगैरह आते हैं। उन्‍होंने बताया कि इस मामले में जायस की ये जमीन गर्ल्‍स कॉलेज के लिए सुरक्षित रखी गई थी। ये बात काफी पुरानी है। साल 1982 में रायबरेली के तत्‍कालीन जिलाधिकारी ने एसडीएम को एक खत लिखा था और कहा था कि इस जमीन को  वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए रखा गया है।

एसडीएम अशोक शुक्‍ला का कहना है कि नियमों के तहत इस जमीन पर किसी सरकारी डिपार्टमेंट या गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशन का अधिकार होना चाहिए। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि जांच में ये भी पाया गया कि ऐसा कोई भी कागजात मौजूद नहीं है जिससे ये साबित होता हो कि किस अधिकार के तहत राजीव गांधी ट्रस्‍ट इस जमीन का इस्‍तेमाल वूमेंस वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर के लिए कर रहा है। जिला प्रशासन का साफ तौर पर कहना है कि अगर उन्‍हें ट्रस्‍ट की ओर से संतोषजनक जवाब और दस्‍तावेज नहीं मिलते हैं तो इस मामले में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। इसी के साथ जमीन को वापस लेने की प्रक्रिया भी शुरु कर दी जाएगी। हालांकि उन्‍होंने कहा कि इस मामले में अभी ट्रस्‍ट को एक और फाइनल नोटिस भेजा जाएगा।

उधर अमेठी में भारतीय जनता पार्टी के नेता गोविंद सिंह का कहना है कि उन्‍होंने इस मामले की शिकायत अखिलेश यादव की सरकार के दरम्‍यान भी की थी। लेकिन, सपा सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की थी। वहीं दूसरी ओर रायबरेली में सोनिया गांधी का पूरा कामकाज संभालने वाले केएल शर्मा का कहना है कि इस मामले को पार्टी के कानूनी मामलों के जानकार देख रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि ये जमीन अस्‍सी के दशक में ठाकुर दास ट्रस्‍ट को दी गई थी। लेकिन, जमीन खाली पड़ी थी तो बाद में तय हुआ कि ठाकुर दास ट्रस्‍ट और राजीव गांधी ट्रस्‍ट दोनों मिलकर इस जमीन का इस्‍तेमाल वूमेंस वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर के लिए करें। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी की सरकार जानबूझकर बदला ले रही है।