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सेना भर्ती: ट्रेन में लड़कों ने की महिलाओं से बदसलूकी, पल्ला झाड़ रहे अफसर

railway19भोपाल/ग्वालियर। सेना भर्ती से लौट रहे मुरैना के लड़कों ने सोमवार को चंबल एक्सप्रेस के अंदर जमकर हुड़दंग मचाया। महिलाओं के सामने कपड़े तक उतार दिए। जीआरपी के जवान तमाशा ही देखते रहे। घटना के बाद डीआरएम, रेलवे पुलिस और सेना, तीनों अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर रेलवे में पैसेंजर्स की सेफ्टी किसके भरोसे है? क्या रेलवे की मदद एसी डिब्बों के अंदर सिर्फ चाय और कॉफी पहुंचाने तक सीमित रह गई है?
इस पूरे मामले में तीनों की जिम्मेदारी समान थी लेकिन सभी पल्ला झाड रहे हैं. डीआरएम ने बात करने से इनकार करते हुए कहा कि उनके पीआरओ इस मसले पर जवाब देंगे।
रेलवे का जवाब– “कल की घटना में रेलवे की कोई जिम्मेदारी नहीं है. कल जो हुआ, वो लॉ एंड आर्डर का मामला है। सेना ने हमसे अतिरिक्त कोच और दूसरी व्यवस्था के लिए कहा था. हमने पूर्व सूचना के मुताबिक सारे इंतजाम कर लिए थे। रेल के अंदर यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे पुलिस जिम्मेदार होती है। – गिरीश कंचन पीआरओ रेलवे
रेलवे पुलिस का जवाब- मामला हालांकि हमारे क्षेत्राधिकार से बाहर हरपालपुर उत्तरप्रदेश का है लेकिन आप कह रहे हैं तो मैं मान लेता हूं। हेल्प लाइन पर जैसे ही सूचना मिली, केंद्र सरकार के रेलवे सुरक्षा बल का स्टाफ स्टेशन पर पहुँच गया था. 8 लोगों को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. यह कहना गलत है कि अंदर जो रेलवे पुलिस के जवान थे, वे कुछ नहीं कर रहे थे । अवधेश गोस्वामी , एसपी रेलवे पुलिस
सेना का जवाब – हमको आशंका थी कि हंगामा होगा क्यूंकि अक्सर सेना की भर्ती के दौरान ट्रेन में होता है इसलिए 8 जनवरी को ही रेलवे को पत्र लिखकर आशंका जताते हुए, सभी इंतजाम करने के लिए कहा गया था । रेलवे के पास पर्याप्त समय था. इतने दिन में इतजाम कर लेना चाहिए थे। – कर्नल आर रमेश
अब तक इनकी हुई है गिरफ्तारी
पंकज सिंह पुत्र श्याम सिंह, विष्णु तोमर पुत्र पुन्नु सिंह तोमर, गौरव शर्मा पुत्र रामवीर शर्मा, आकाश तोमर पुत्र विजय सिंह तोमर, राहुल पुत्र ज्ञान सिंह तोमर, सूरज सिंह पुत्र माखन सिंह तोमर, राहुल पुत्र विजय सिंह और प्रदीप पुत्र छोटे सिंह को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए युवक मुरैना के पास अम्बाह के रहने वाले हैं।
सबसे ज्यादा लूटपाट होती है ग्वालियर के आस-पास
जनवरी से दिसंबर तक ट्रेनों में 600 से अधिक वारदात हुईं हैं। ट्रेन से बच्चों के अपहरण से लेकर जानलेवा हमलों तक बदमाशों अंजाम दिए हैं। मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री जयंत मलैया को भी परिवार सहित लुटेरों ने उस वक़्त लूट लिया था, जब वे दिल्ली जा रहे थे
भिंड-मुरैना के युवक मचाते हैं सबसे ज्यादा उत्पात
झांसी मंडल के सीनियर कमांडेंट आशीष मिश्रा के अनुसार सेना भर्ती के दौरान भिंड-मुरैना के युवक सबसे ज्यादा उत्पात मचाते हैं। सेना इन्हें भर्ती के बाद एक साथ छोड़ देती है। भर्ती में फेल होने पर ये युवक अपना सारा गुस्सा यात्रियों और ट्रेन पर ही उतारते हैं। श्री मिश्रा का कहना है कि सेना को ही ऐसे ठोस उपाय करने होंगे जिससे इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
अब जानिए सेना भर्ती के दौरान ट्रेन में कहाँ-कहाँ हुए हंगामे…
16 जनवरी 2015- सेना भर्ती के लिए जा रहे युवकों ने यात्रियों की सीटों पर कब्जा कर लिया। पथराव कर ट्रेनों के कांच फोड़ दिए।
17 जनवरी 2015- सेना भर्ती के लिए जा रहे युवकों ने खजुराहो-उदयपुर इंटरसिटी में गर्भवती महिला के साथ मारपीट की।
18 जनवरी 2015- सेना भर्ती के लिए जा रहे युवकों ने चंबल एक्सप्रेस में सोमवार रात नीचता की सारी हदें पार कर दीं। उत्पाती युवकों ने महिलाओं के सामने कपड़े तक उतार दिए।
अक्तूबर 2012 अलवर में सेना की भर्ती की जगह स्टेशन दूर थी. पहले तो ट्रेन में एप्लिकेंट्स ने लोगों के साथ मारपीट की. उसके बाद प्लेटफोर्म के बाहर लोगों की कारों को तोड़ा, ठेले वालों को लूटा
11 सितम्बर 2015– नीम का थाना सीकर में वायुसेना की भर्ती के लिए जा रहे एप्लिकेंट्स ने ट्रेन में महिलाओं के साथ बदतमीजी और छेड़छाड़ की. उनके गले की चेन और पर्स छीने
अक्टूबर 2015 -नागौर में सेना की भर्ती के लिए जा रहे एप्लिकेंट्स ने ट्रेन में महिलाओं के साथ बदसलूकी और कुछ साथियों के नीचे छूट जाने पर चेन पुलिंग करके पत्थर बाज़ी की.