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सुब्रमण्यन स्वामी फिर लौटे अपने पुराने अंदाज़ में, भरी सभा में खोली जवाहर लाल नेहरू की पोल !

सुब्रमण्यन स्वामी भाजपा के दिग्गज और वरिष्ठ नेता हैं। इनका रुतबा किसी से छुपा नही हैं। ये फायर ब्रांड नेता है। कांग्रेसी तो इनका नाम सुनते ही चुप हो जाती है। क्योकि सुब्रमण्यन स्वामी सीधे तौर पर बात करने के लिए जाने जाते हैं ना कि बातों को गोल गोल घुमा कर। कांग्रेस वाले स्वामी को देखकर इसलिय डरते हैं कि स्वामी ने कई खांग्रेसियों की पोल खोली है और कई बड़े नेताओं का काला चिट्ठा भी स्वामी को पता है। सुब्रमण्यन स्वामी की खास बात यह है कि वो कभी भी अपनी बातें करने में नही हिचकिचाते। जहाँ पर भी वो गलत होता देखते है तो वो गुनहगार को बख्शते नही है।

सुब्रमण्यन स्वामी हमेशा से ही अपने कड़े बयानों की वजह से चर्चा में बने रहते हैं। कोई भी विरोधी जल्दी से स्वामी से नही उलझना चाहता क्योंकि सुब्रमण्यन स्वामी प्रखर राजनींतिज्ञ हैं दूसरी बड़ी बात यह है कि वो हमेशा से ही सत्य की राह ओर चलते हैं इसकिये वो कभी भी अपनी बातें रखने में नही सोचते। दूसरी बात यह है कि सुब्रमण्यन स्वामी जो भी बात कहते हैं उसको पूरा करने में यकीन रखते हैं।

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर नेहरू ने देश हित के लिए कोई काम नही किया बल्कि देश को उल्टा गर्त में धकेल दिया जिसका खामियाजा आज तक भुगतना पड़ता है। नेहरू द्वारा लिए गए 3 गलत फैसलों का परिणाम कश्मीर आज तक भुगत रहा है। नेहरू को भारत का स्वप्नद्रष्टा भी कहा जाता है। आज जिन भी बड़ी परेशानियों को देश झेल रहा है ये सभी परेशानियों नेहरू के समय की ही हैं।

अगर बात केवल कश्मीर की करें तो कश्मीर के राजा ने बिना की शर्त के अपनी पूरी रियासत भारत में विलय करने का प्रस्ताव रख दिया था लेकिन ऐसे में नेहरू ने शेख अब्दुल्ला की सहमति जरुरी बताया। धारा 370 भी नेहरू ने शेखों की बैठकों के बाद ली गयी। यानि अधिकार परेशानियां उसी समय से अब् तक झेली जारही हैं।

सुब्रमण्यम स्वामी पुणे में आयोजित एक सभा को संबोधित कर रहे थे। अपने भाषण के दौरान स्वामी ने जवाहर लाल नेहरू को निशाने पर लिया और भरी सभा में नेहरू की पोल खोल कर रख दी। सभा में मौजूद भीड़ में से तालियों की आवाज़ घुंजने लगी। भीड़ स्वामी के भाषण का लुत्फ़ उठाती नज़र आई। शायद ही कांग्रेसी इस वीडियो को देख पाएंगे। बाकि आप खुद वीडियो देंखे।