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सीताराम येचुरी के कांग्रेस प्रेम पर प्रकाश करात का धोबी पछाड़, बीजेपी खुश

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो गई है, इसके अलावा भी कुछ खबरों ने राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा बटोरी, उन्ही में से एक खबर वामपंथी दलों की तरफ से आई, जो 2019 की तैयारी के लिए अभी से प्लान बना रहे हैं, 2019 में मोदी और बीजेपी को रोकने के लिए किस दल के साथ गठबंधन किया जाए, किस तरह की रणनीति तैयार की जाए, इसी को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(M) की केंद्रीय समिति की बैठक हुई. इस बैठक में पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने एक प्रस्ताव पेश किया, हालांकि ये प्रस्ताव पास नहीं हो पाया , लेकिन इस ने सीपीएम में जारी गुटबाजी को सामने ला दिया है। वाम दलों में गुटबाजी की खबरें अमूमन नहीं आती हैं, लेकिन येचुरी और प्रकाश करात के बीच की जंग किसी से छिपी नहीं है।

दरअसल वामपंथी दल सीपीएम 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन की संभावनाओं को तलाश रही है, इस के लिए सीताराम येचुरी ने एक प्रस्ताव पेश किया, उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात की, वो चाहते थे कि कांग्रेस के साथ मिल कर बीजेपी और मोदी को रोका जाए, लेकिन उनकी ये मंशा पूरी नहीं हो पाई, पार्टी कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन हीं करेगी। कांग्रेस के साथ गठबंधन के पक्ष में 31 वोट पड़े तो वहीं गठबंधन के खिलाफ 55 वोट पड़े, एस तरह से येचुरी अपनी ही पार्टी से हार गए। अब आपको इसके पीछे की कहानी बताते हैं, दरअसल सीपीएम में दो गुट साफ दिखाई देते हैं। एक येचुरी और दूसरा प्रकाश करात गुट।

सीताराम येचुरी कांग्रेस के साथ गठबंधन के पक्ष में थे, उनकी राय में कांग्रेस के साथ मिल कर बीजेपी को रोका जा सकता है, वहीं प्रकाश करात कांग्रेस के साथ गठबंधन के खिलाफ थे. यही कारण है कि कांग्रेस के प्रति नरम रुख रखने वाले येेचुरी हार गए। ये बैठक कोलकाता में हुई थी, जहां पर इस प्रस्ताव पर वोटिंग कराई गई, जिसका नतीजा हम आपको ऊपर बता चुके हैं। इस जंग में करात ने येचुरी पर 55-31 से जीत हासिल की। बता दें कि येचुरी को पार्टी के अंदर काफी पसंद किया जाता है, लेकिन करात के पीछे केरल का पूरा संगठन खड़ा है, संगठन में करात की पकड़ ज्यादा मजबूत है। इसलिए येचुरी को हार का सामना करना पड़ा।

एक बात ये चौंकाने वाली रही कि सीपीएम जो खुद कुछ राज्यों में सिमट के रह गई है, वो राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को हराने की बात कर रही है. इसके लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात कर रही है, ये अलग बात है कि गठबंधन का प्रस्ताव पास नहीं हो पाया। ये भी कहा जा रहा है कि एक बार फिर से कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर प्रस्ताव हैदराबाद की बैठक में पेश किया जाएगा। कुल मिलाकर वामदलों में किसी भी तरह की गुटबाजी की खबरें नहीं आती हैं, लेकिन सीपीएम में करात और येचुरी गुट साफ देखे जा सकते हैं, वर्चस्व की लड़ाई भी अंदरखाने चल रही है। प्रकाश करात एंटी कांग्रेस माने जाते हैं, जबकि वर्तमान महासचिव सीताराम येचुरी कांग्रेस के प्रति नरम रुख रखते हैं।