लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव से सवाल किया कि बसपा से किस सौदे के तहत उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपो से घिरे नसीमुद्दीन सिद्दीकी उनकी पत्नी और रामवीर उपाध्याय को आरोपो से मुक्त किया। मौर्य ने कहा कि यह सपा-बसपा की आंतरिक सांठ-गांठ ही है जिससे आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में विजिलेंस द्वारा उपलब्ध साक्ष्यों के विपरीत भ्रष्टाचार के आरोपियों को क्लीन चिट देकर अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार के संरक्षण के लिए बने सपा-बसपा गठबंधन को मजबूती दी है।
मौर्य ने कहा कि किसी भी आरोपी के प्रत्यावेदन को साक्ष्य मानकर उसे निर्दोष साबित करने का शायद यह पहला वाकया हे। भारतीय जनता पार्टी प्रारम्भ से ही मजबूती के साथ भ्रष्टाचार और भ्रष्टचारियों के संरक्षण को उजागर कर रही है कि सपा और बसपा के बीच आपसी गठबंधन है। यह दोनों दल एक दूसरे के भ्रष्टाचार और अपराध को संरक्षित करते है। यही कारण है कि सपा ने 2012 में यूपी की जनता से वादा करने के बावजूद न ही अपराध एवं भ्रष्टाचार की जांच कराई, न ही किसी भ्रष्टाचार के आरोपी को जेल भेजा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सपा सरकार के मुखिया अखिलेश यादव अपराध और भ्रष्टाचार को संरक्षित करने का कितना भी प्रयास करे लेकिन यूपी में भाजपा सरकार आते ही हम पुनः इन मामलों की जांच करायेंगे और सभी अपराधी एवं भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने का काम करेंगे।