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सहारनपुर हिंसा: इंटरनेट सर्विस बंद, आला आधिकारी सस्पेंड, योगी पर विपक्ष का हमला

लखनऊ। सहारनपुर में लगातार जातीय हिंसा भड़कने के मामलों को रोकने के लिए यूपी सरकार ने चौतरफा कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बुधवार को सहारनपुर डिविजनल कमिश्नर, डीएम, डीआईजी, एसएसपी समेत तमाम आला अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। यही नहीं, सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए सहारनपुर में इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई। उधर, भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार पर हमला बोला और एक जाति विशेष के लिए काम करने का आरोप लगाया है।

भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में दावा किया है कि वह सरेंडर करने के लिए तैयार हैं। साथ ही उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार पर जातिगत भेदभाव करने का भी आरोप लगाया। विपक्ष भी सहारनपुर में हिंसा को लेकर यूपी सरकार पर हमलावर है।

सहारनपुर में फिर भड़की जातीय हिंसा मामले में शासन ने कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी एनपी सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एससी दुबे, उप जिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी को निलंबित कर दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की है कि वे भड़काऊ भाषणों से प्रभावित न हों, साथ ही आश्वस्त किया है कि सहारनपुर के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

मंगलवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती के सहारनपुर का दौरा करके बाद बड़गांव क्षेत्र में दोबारा जातीय हिंसा भड़क गई। यह हिंसा धीरे-धीरे कई गांवों तक पहुंच गई। जहां आज भी स्थिति तनावपूर्ण है। वहां की हिंसा के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित है। फिर हिंसा भड़कने से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी को तलब कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। इसके बाद प्रदेश के सभी डीएम, एसएसपी को अलर्ट पर रहने के निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि जातीय रैलियों, धरना प्रदर्शन और आंदोलन की किसी भी कीमत पर इजाजत नहीं दी जाए।

Saharanpur mein lagatar jaari jaatiye hinsa mein ho rahi jaan maal ki haani ke liye Uttar Pradesh ki BJP sarkar poori tarah doshi hai: BSP

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में तैनात अधिकारियों को सड़कों पर गश्त करने की हिदायत दी गई और अतिरिक्त सुरक्षा बरतने का निर्देश है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि सचिव (गृह) मणि प्रसाद मिश्र, एडीजी (कानून व्यवस्था) आदित्य मिश्र, आइजी एसटीएफ अमिताभ यश, डीआइजी सुरक्षा विजय भूषण हालात को नियंत्रित करने में लगे हैं। मेरठ जोन के एडीजी कैंप कर रहे हैं। पीएसी और आरएएफ की टुकड़ियां डेरा डाले हैं। अबतक इस मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

विपक्ष का हमला
सहारनपुर में हिंसा को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस, एसपी, बीएसपी ने योगी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर दलितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सहारनपुर हमलों की स्वतंत्र जांच कराने और जिले के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज करने की मांग की। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सहारनपुर के हमले कुछ वर्गों की मानसिकता का परिणाम हैं जो यह सोचते हैं कि उन्हें उपद्रव करने, दलितों का उत्पीड़न एवं अत्याचार करने और मारने का अधिकार मिल गया है क्योंकि मुख्यमंत्री उनको संरक्षण देंगे और उनके खिलाफ कानून कार्रवाई नहीं करेगा।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख के राजू ने कहा, ‘यह बहुत ही दुखद स्थिति है। यह यूपी में कानून एवं व्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है। यह उत्तर प्रदेश के विकास के लिए अच्छा नहीं है।’ समाजवादी पार्टी ने राज्य के सहारनपुर में हुई हिंसा को सूबे की बीजेपी सरकार पर सबसे बड़ा धब्बा करार देते हुए कहा है कि आत्मसम्मान के साथ जीने से वंचित दलित समाज को अब पलायन और धर्म परिवर्तन के लिए भी मजबूर होना पड़ रहा है।

एसपी के मुख्य प्रान्तीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में हिंसा पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। तलवार और दूसरे घातक शस्त्रों का इस्तेमाल हो रहा है। परिवार दहशत में हैं। चौधरी ने आरोप लगाया कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने सभी विरोधियों का वजूद मिटाने की साजिश में जुटा है। चौधरी ने कहा कि एसपी सहारनपुर की घटना की कड़ी निंदा करती है और मांग करती है कि पीड़ित परिवारों को तत्काल मुआवजा एवं सुरक्षा दी जाए।

सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में गत पांच मई को दो जातीय समूहों के बीच हिंसा हुई थी। मंगलवार को शब्बीरपुर में एक बार फिर जातीय संघर्ष हुआ, जिसमें आशीष नामक युवक की मौत हो गयी और कई अन्य लोग घायल हो गए।

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Chief Minister Yogi Adityanath appeals people of Uttar Pradesh to not to pay heed to inflammatory speeches.