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समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने पर विचार

fadnavis3मुंबई। राज्य सरकार फिर से समुद्र के खारे पानी को पीने के योग्य बनाने पर विचार करेगी। इस संबंध में वह तकनीकी परियोजना रिपोर्ट लाएगी। शुक्रवार को विधान परिषद में डॉ. अपूर्व हिरे ने दमण गंगा, पिंजाल, नार-पार, तापी व नर्मदा नदी के पानी बंटवारे से संबंधित प्रश्न उठाया था। दूसरे कुछ और सदस्यों ने सरकार से कहा कि जिस तरह से चेन्नै में समुद्र का पानी पीने लायक बनाया जाता है, वैसा ही मुंबई में भी किया जाना चाहिए। सदस्यों ने कहा कि आज मुंबई को पीने के लिए जहां से पानी मिलता है वहां के लोगों को ही पीने के पानी के लिए जूझना पड़ता है।
सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पानी की परेशानी बढ़ती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग विरोध करते हैं कि उनके क्षेत्र का पानी शहरों को क्यों दिया जा रहा है? ऐसे में पीने के पानी के लिए और भी कदम उठाने होंगे। समुद्र के खारे पानी को मीठे पेयजल में बदलने के संबंध में तकनीकी परियोजना रिपोर्ट आने वाली है। इस पर विस्तार से चर्चा करने के लिए जल्द ही बैठक बुलाएंगे।

इसी विषय पर चर्चा के दौरान जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने नार-पार, अंबिका और औरंगा नदी के अतिरिक्त जल को गोदावरी और तापी नदियों की ओर मोड़ने से साफ इनकार कर दिया। इस संबंध में जल संसाधन मंत्री ने जल्द ही केंद्रीय जल संसाधन मंत्री की अध्यक्षता में नदी जोड़ प्रकल्प की विशेष बैठक की बात कही।