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समाजवादी पार्टी में बगावत? अखिलेश अलग से जारी कर सकते हैं 167 उम्मीदवारों की लिस्ट

mulayam-singh-yadav-akhileshलखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वो हो गया जिसकी आशंका काफी दिनों से जताई जा रही थी। समाजवादी पार्टी में जारी कलह आखिरकार दो फाड़ के अंजाम तक पहुंच ही गई। जिस तरह से पिता मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे की इच्छाओं को दरकिनार करके 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी थी। उस लिस्ट में अखिलेश के करीबी और वफादार नेताओं को जगह नहीं मिली थी। उसके बाद अखिलेश की नाराजगी के किस्से हवा में तैरने लगे थे। आशंकाएं जताई जा रही थी कि अखिलेश इस लिस्ट से नाखुश हैं। अखिलेश ने अपने समर्थकों के साथ एक मैराथन बैठक की। जिसके बाद उन्होंने अपने 167 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। सबसे खास बात ये है कि ये सभी कैंडिडेट सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर नहीं बल्कि अलग चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे।

खबरें हैं कि अखिलेश खुद इस बात का एलान कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यूपी में समाजवादी उम्मीदवारों के सामने अखिलेश के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि अपने समर्थकों के टिकट काटे जाने के बाद अखिलेश ने पिता मुलायम सिंह यादव से इसकी नाराजगी जताई थी। उन्होंने अपने समर्थकों का टिकट काटे जाने का आधार और कारण पूछा था। इसके साथ ही अखिलेश ने अपने समर्थकों से चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने के लिए कहा था। इस से पहले दोपहर से ही अखिलेश अपने वफादार नेताओं, मंत्रियों और समर्थकों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने हर विधायक और कार्यकर्ता की बात सुनी। उसके बाद अखिलेश ने यूपी चुनाव के लिए 167 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। साफ है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को करारा झटका लगता दिख रहा है।

मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के दौरान अखिलेश यादव ने पूछा कि किस सर्वे में उनके करीबी अरविंद गोप, रामगोविंद चौधरी और पवन पांडे हारते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद चाचा शिवपाल ने अपना सर्वे सामने रखा। उसके बाद अखिलेश ने भी अपने सर्वे के आंकड़े मुलायम के सामने पेश किए। इसी सर्वे के आधार पर अखिलेश ने अपनी लिस्ट तैयार की है। समाजवादी कलह में एक कोण रामगोपाल यादव का भी है। रामगोपाल यादव ने अखिलेश की लिस्ट पर कहा कि उम्मीदवार बदलना एक सामान्य प्रक्रिया है। पार्टी में कोई परेशानी नहीं है। जिनको टिकट नहीं मिला उन्हे अखिलेश ने मिलने के लिए बुलाया। उनको आगे भविष्य में चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। रामगोपाल ने कहा कि अखिलेश यादव फिर से यूपी के मुख्यमंत्री बनेंगे। रामगोपाल कह तो रहे हैं कि पार्टी में कोई कलह नहीं है। लेकिन जो हो रहा है वो जनता देख रही है।

इस से पहले अपने समर्थकों के साथ बैठक के दौरान अखिलेश यादव काफी गंभीर नजर आए। बैठक में अखिलेश समर्थकों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली थी। अमर सिंह और बेनी प्रसाद वर्मा को साथ शिवपाल यादव को भी लिस्ट के लिए जिम्मेदार बताया था। इसी के साथ समर्थकों ने अखिलेश से कहा था कि आप आगे बढ़ो हम सब आप के साथ हैं। कुछ समर्थकों ने तो कहा था कि अब वक्त आ गया है जब कठोर कदम उठाने होंगे। उसी बैठक के बाद अखिलेश ने अपने 167 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। यानि समाजवादी पार्टी में अब दो फाड़ होने वाला है। देखना है कि मुलायम सिंह यादव इस विकट समस्या से निपटने के लिए कौन सा दांव चलते हैं। उनके पहले के दांव तो अब विफल होते दिख रहे हैं।