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समाजवादी पार्टी का नया पैंतरा, 190 किलोमीटर लंबा साइकल हाइवे

Cycle-highwayलखनऊ। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार अब एक्सप्रेस-वे को छोड़कर एक विशेष साइकल हाइवे बनाने जा रही है। 190 किलोमीटर लंबे इस साइकल हाइवे को आगरा से इटावा के शेर सफारी प्रॉजेक्ट के बीच बनाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश का PWD विभाग इस हाइवे की योजना बना रहा है। इसपर केवल साइकिल चलाने की ही इजाजत होगी। मालूम हो कि समाजवादी पार्टी का चुनाव चिह्न साइकल ही है।
PWD के प्रमुख अरविंद कुमार गुप्ता ने हमसे बात करते हुए इस योजना की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि यह साइकल हाइवे 7 फुट चौड़ा होगा और आगरा से इटावा के बीच बनाया जाएगा। उन्होंने बताया, ‘यह साइकल हाइवे किसी बड़े शहर या बेहद भीड़-भाड़ वाले ट्रैफिक के इलाके से नहीं गुजरेगा। इसे केवल ग्रामीण इलाकों से होते हुए बनाया जाएगा। हो सकता है कि कुछ जगहों पर यह कुछ प्रमुख सड़कों से भी जोड़ा जाए।’

सूत्रों ने बताया कि यह खास हाइवे यमुना और चंबल के किनारे से होते हुए गुजरेगा। PWD को लगता है कि इस हाईवे से ना केवल ग्रामीणों को मदद मिलेगी, बल्कि इसके इस्तेमाल से पर्यटकों, साइकल चालकों और पर्यावरणविदों को भी सफारी तक जाकर घड़ियाल, डॉल्फिन और कई पक्षियों को देखने का मौका मिलेगा।

हालांकि इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट की आर्थिक लागत का खाका अभी तैयार किया जाना बाकी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसके लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक का फंड खर्च होने की संभावना है। एक किलोमीटर लंबे साइकल ट्रैक का औसत खर्च 40 लाख रुपये अनुमानित किया गया है।

PWD ने लखनऊ में 103 किलोमीटर लंबे साइकल पथ का निर्माण कराया है। शहर के कालीदास मार्ग, विक्रमादित्य मार्ग, लोहिया पथ, कुर्सी रोड और ला मार्टिनीयरे कॉलेज के पास ये पथ बनाए गए हैं। अब विभाग इसी तरह के ट्रैक नोएडा, वाराणसी, कानपुर और इलाहाबाद में भी बनाने की तैयारी कर रहा है। अब तक बने ये ट्रैक तो PWD के लिए शर्मिंदगी का ही कारण बन रहे हैं। ज्यादातर साइकल चलाने वाले लोग इनका इस्तेमाल ही नहीं करते हैं। एक बार तो मजबूरी में लखनऊ पुलिस को साइकल पथ का इस्तेमाल करने का नियम बनाना पड़ा।

समाजवादी पार्टी की सरकार में साइकल पथ बनवाने का यह काम पहली बार नहीं हुआ। इससे पहले मुलायम के मुख्यमंत्री पद पर कार्यकाल के दौरान यह पहली बार बनवाया गया था। लखनऊ के लोहिया पथ पर 6 किलोमीटर लंबा साइकल पथ बनाया गया था। यह अलग बात है कि इनका कभी इस्तेमाल नहीं किया गया। इसके बाद PWD ने ही लोहिया पथ को चौड़ा करने के लिए इसके कुछ हिस्से पर बुलडोजर चलवा दिया।