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समझौते के मूड में नहीं हैं अखिलेश

mulayam-and-akhileshलखनऊ।  यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं हैं. उन्होंने माफियाओं और दागियों के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है. मुख्यमंत्री ने आज ट्विट कर यह साफ़ कर दिया है कि चुनाव में टिकट बंटवारे के अधिकार से कम उन्हें कुछ भी मंज़ूर नहीं है।

राज्य के कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री के चाचा शिवपाल सिंह के साथ मतभेद का जो सिलसिला शुरू हुआ था वह आज तक जारी है. चाचा-भतीजे के बीच मतभेद सुलझाने के नाम पर सपा सुप्रीमो ने अखिलेश को समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल को अध्यक्ष बना दिया था. शिवपाल ने अध्यक्ष बनते ही अखिलेश के करीबियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

अखिलेश ने अपने करीबियों को पार्टी से बाहर किये जाने के बाद उन्हें कोई भी बयानबाजी या आन्दोलन से तो रोक दिया लेकिन उनके बैठने के लिए अलग ऑफिस का इंतजाम कर यह संकेत भी दे दिया कि जो उनके साथ है उसकी उपेक्षा नहीं होने दी जायेगी।

सपा सुप्रीमो ने चार दिन पहले यह एलान भी कर दिया कि चुनाव के बाद तय होगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि अखिलेश मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे. हालांकि पार्टी के प्रमुख महासचिव प्रो. राम गोपाल ने मुलायम को पत्र लिखकर अखिलेश को ही मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने को कहा।

बीते एक महीने में समाजवादी परिवार में चल रहे तूफ़ान में अखिलेश का क़द बढ़ता ही जा रहा है. अखिलेश की साढ़े चार साल की मेहनत को देखते हुए पार्टी की पूरी युवा टीम अखिलेश के साथ खड़ी नज़र आ रही है. समाजवादी पार्टी से निकाले गए नेता भी खुद को अखिलेशवादी कहने लगे हैं।

अखिलेश ने भी एलान कर दिया कि कोई नहीं आएगा तो वह अकेले ही चुनाव प्रचार पर निकल जायेंगे. समाजवादी पार्टी ने अखिलेश के बढ़े हुए क़द और बदली परिस्थितियों को देखते हुए आज लखनऊ में अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नन्दा से यह घोषणा करवाई कि अखिलेश ही पार्टी का चेहरा होंगे. इस बयान के बाद अखिलेश ने ट्विट कर यह साफ़ कर दिया कि टिकट बंटवारे के अधिकार से कम उन्हें कुछ भी मंज़ूर नहीं है. अखिलेश ने यह भी साफ़ कर दिया है कि दागियों और माफियाओं के साथ वह काम करने को तैयार नहीं हैं. वह साफ़-सुथरी पार्टी चाहते हैं. और साफ़-सुथरी इमेज के साथ ही जनता के बीच जायेंगे।