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सबूत पेश नहीं कर सकी महिला, पॉक्सो कोर्ट ने रेप के आरोपी गायत्री को दी जमानत

लखनऊ। पॉक्सो कोर्ट ने मंगलवार को रेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को जमानत दे दी है। आरोपी पिंटू सिंह, विकास वर्मा को भी जमानत मिली है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित महिला और फैमिली मेंबर्स को पुलिस प्रोटेक्शन देने के निर्देश दिए थे। बता दें कि महिला ने सपा नेता गायत्री पर गैंगरेप और नाबालिग बेटी से रेप की कोशिश का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 15 मार्च काे प्रजापति को लखनऊ से अरेस्ट किया गया।

महिला के वकील मो. प्राचा ने बताया, “जस्टिस एके सीकरी की बेंच ने प्रजापति को अरेस्ट करने का ऑर्डर दिया था। विक्टिम की फैमिली ने सुप्रीम कोर्ट में पुलिस प्रोटेक्शन की मांग की थी। SC ने अपील को परमिशन दी और मैटर डिस्पोज ऑफ कर दिया। इस मामले से जुड़े दो और लोगों को एसटीएफ ने पिछले हफ्ते नोएडा से गिरफ्तार किया था।”

गायत्री के वकील सुनील सिंह ने कहा, “कोर्ट ने गायत्री और दो अन्य आरोपियों को एक-एक लाख के बॉन्ड और एक-एक लाख के मुचलके पर जमानत दी। महिला ने जो आरोप लगाए, उसके सबूत नहीं दे पाई है और उनका मेडिकल भी कभी नहीं हुआ है। लड़की के बयान आरोपों के बिलकुल उलट हैं। लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान में कहा कि मैं गायत्री को नहीं पहचानती हूं और मेरे साथ रेप नहीं किया गया।”

17 फरवरी को गायत्री प्रजापति और 6 अन्य लोगों के खिलाफ  FIR दर्ज की गई थी। पीड़ित महिला ने शिकायत में कहा था कि एक करीबी ने 3 साल पहले उसकी मुलाकात गायत्री से कराई थी। महिला ने कहा था कि गायत्री ने कुछ आपत्तिजनक फोटो लिए थे और कई बार ब्लैकमेल भी किया। महिला का आरोप है कि उसके साथ अक्टूबर 2014 से जुलाई 2016 तक गैंगरेप किया गया। जब आरोपियों ने उसकी बेटी से छेड़छाड़ की कोशिश की तो महिला ने अक्टूबर 2016 में डीजीपी को लेटर लिखकर कार्रवाई की मांग की। SC ने गायत्री के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था। गायत्री का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया। बता दें कि गायत्री यूपी विधानसभा चुनाव में अमेठी से लड़े और हार गए।

गायत्री प्रजापति पर पहले करप्शन के चार्ज भी लग चुके हैं। सितंबर 2016 में अखिलेश यादव ने गायत्री को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। हालांकि, मुलायम सिंह यादव के कहने पर गायत्री की पार्टी में वापसी हो गई थी। बता दें कि प्रजापति को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है।