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सपा से निकाले गए अखिलेश यादव, जानें किसने क्या कहा?

akhilesh-yadav-30नई दिल्ली/लखनऊ। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सीएम अखिलेश यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है.  मुलायम सिंह ने ये कहते हुए कि रामगोपाल यादव को बैठक बुलाने का हक नहीं उन्हें भी पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया है. सपा सुप्रीमो के इस फैसले के बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है. राजनीतिक गलियारों में हलचल है. जानें इस फैसले पर बाकी राजनीतिक पार्टियों ने क्या कहा.

कांग्रेस ने कहा विनाश काले विपरीत बुद्धि

कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा- इस फैसले को विनाश काले विपरीत बुद्धि कहा जा सकता है. जिस नेता के पांच साल के शासन पर दोबारा सत्ता में वापस आने का दम भर रहे हैं, उसके खिलाफ ही कार्रवाई कर रहे हैं. इससे साफ है कि सब कुछ उम्मीद छोड़ चुके हैं. किस आधार पर वोट मांगेंगे. परिवार के मुखिया का काम होता है सबको साथ लेकर चलना चाहिए. हालांकि ये उनका पारिवारिक मामला है. कांग्रेस अखिलेश को समर्थन देगी या नहीं ये प्रदेश ईकाई तय करेगी.

बीजेपी ने कहा अखिलेश पहले ही खारिज हो चुके हैं

मौके का फायदा उठाते हुए बीजेपी ने सीधे अखिलेश यादव पर राजनीतिक चोट की. पार्टी ने कहा कि यूपी के लोगों ने पहले ही अखिलेश यादव को खारिज कर दिया था. जो वायदे और घोषणा उन्होंने की थी उसे पूरा करने में असफल रहे.  2012 में मायवती को लेकर लोगों में आक्रोश था लेकिन अखिलेश सत्ता में आ कर हर मोर्चे पर विफल रहे. यूपी जाति की राजनीति से बाहर निकलेगा.

निष्कासन असंवैधानिक फैसला – रामगोपाल

पार्टी से निकाले जाने पर राम गोपाल यादव ने कहा- ये एक असंवैधानिक फैसला है, न्यायालय भी अपना पक्ष रखने का मौका देता है. बिना दूसरा पक्ष जानें कार्रवाई करना गलत है. नोटिस दिए जाने के आधे घंटे के अंदर इस तरह निकालना गलत है.

अखिलेश समर्थक नेताओं का कहना है कि नेता जी बाहरी शक्तियों को दबाव में हैं. इस तरह के  बयान कुछ शक्तियां उनसे दिला रही हैं. बाहरी शक्तियां सबके सामने आ चुकी हैं, पूरा देश जानता हैं कि कौन हैं ये शक्तियां. एक तारीख तक इंताजर करिए सब सामने आ जाएगा.

 अखिलेश को इस्तीफा दे देना चाहिए -बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ

ये तो होना ही था ये विवाद पूरा लूट-घसोट के लिए है.  चार -साढ़े  चार साल से जो गुंडागर्दाी एक परिवार ने फैलाया था उसका यही अंत होना था.   नैतिकता कहती है कि अखिलेश यादव को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए. प्रदेश में राष्ट्रपति शासन में चुनाव हो.