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सपा की स्टार प्रचारकों से ‘चाचा’ शिवपाल और ‘छोटी बहू’ अपर्णा गायब

लखनऊ। कांग्रेस के साथ ही समाजवादी पार्टी ने भी यूपी विधानसभा चुनाव के पहले फेज के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है. इस सूची में मुलायम सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव, उनकी पत्नी डिंपल यादव, रामगोपाल यादव सहित समाजवादी कुनबे के हर प्रमुख नेता का नाम है. लेकिन इस सूची में शिवपाल सिंह यादव का नाम नहीं है.

प्रोफेसर रामगोपाल यादव की तरफ से चुनाव आयोग को भेजी गई स्टार प्रचारकों की लिस्ट में पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा के नाम हैं. इनके अलावा राष्ट्रीय महासचिवों में मोहम्मद आजम खान, प्रोफेसर राम गोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, सुरेंद्र नागर हैं.

सांसदों में जया बच्चन के साथ डिंपल यादव दिखेंगीं

सांसदों में जया बच्चन, डिंपल यादव धर्मेंद्र यादव, अक्षय यादव और तेज प्रताप सिंह हैं. उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राजेंद्र चौधरी के साथ राष्ट्रीय सचिव कमाल अख्तर व रामआसरे कुशवाहा हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों में रामजी लाल सुमन, जावेद आब्दी, संजय लाठर, राजपाल कश्यप, रमेश प्रजापति, नीरज शेखर, जावेद अली खान, राजीव राय, विनोद सविता, राम आसरे विश्वकर्मा प्रमुख हैं.

अखिलेश के करीबी कई नेताओं को बनाया स्टार प्रचारक

वहीं विधानपरिषद सदस्यों में राम सकल गुर्जर, उदयवीर सिंह, राकेश यादव, सरोजनी अग्रवाल, साहब सिंह सैनी, वीरेंद्र सिंह गुर्जर, डॉ असीम यादव, रामवृक्ष यादव को शामिल किया गया है.

इनके अलावा पूर्व विधान परिषद सदस्य ख्वाजा हलीम, समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव, मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद एबाद और महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबु आसिम आजमी को स्टार प्रचारकों में शामिल किया गया है.

उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े के बीच गठबंधन के बावजूद बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.

केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से बीजेपी को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है, वैसे में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला है. इसका कितना फायदा उसे इन चुनावों में मिलेगा वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा.

इस बार उत्तर प्रदेश चुनावों में समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के अलावा प्रदेश की कानून व्यवस्था, सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और विकास का मुद्दा प्रमुख रहने वाला है. जहां एक ओर बीजेपी और बसपा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश सरकार को घेर रही हैं, वही विपक्ष नोटबंदी के फैसले को भी चुनावी मुद्दा बना रहा है.

यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं. 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. पिछले चुनावों में बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं.