लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश की समाजवादी पार्टी को अबतक का सबसे बड़ा झटका लगा है क्योंकि इस बार पार्टी के किसी छोटे-मोटे नेता नहीं बल्कि पार्टी के बड़ी नेता अंबिका चौधरी ने सपा का दामन छोड़ दिया है। अौर बसपा में शामिल हो गई है। अंबिक चौधरी को फेफना विधानसभा सीट से टिकट मिल गया है। बसपा सुप्रीमो मयावती ने पार्टी की सदस्यता दिलाई है। सपा के लिए बड़ी घाटे की बात है।
अंबिका चौधरी ने सपा पर प्रहार करते हुए कहा कि वह कभी मुलायम के सबसे खास माने जाते थे लेकिन अब मैं बसपा में आ गया हूं। उन्होंने कहा कि सपा सेक्यूलर, मुसलमानों, दलितों और पिछड़ों की हिफाजत करने की बजाय परिवार के झगड़े में लगी रही है। अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए चौधरी ने कहा कि जिस तरह से अखिलेश यादव द्वारा अपने पिता मुलायम का अपमान किया गया उससे सभी लोग नाराज हैं।
चौधरी ने कहा कि उनका जुड़ाव 25 सालों से सपा से रहा है लेकिन परिवार के झगड़े और मुलायम के अपमान ने उन्हें दुखी किया है। इस दौरान मायावती ने ऐलान किया कि अंबिका चौधरी को सपा से ज्यादा पार्टी में इज्जत देगी। मायावती ने कहा कि बसपा चौधरी को बलिया की उनकी परंपरागत सीट से उम्मीदवार बनाएगी।
बलिया के मूल निवासी अंबिका चौधरी ने न्यायिक सेवा की नौकरी छोड़कर सियासी सफर शुरू किया था। 66 वर्षीय चौधरी अखिलेश यादव सरकार में राजस्व, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रहे हैं। पूर्व की मुलायम सिंह यादव सरकार में भी अंबिका मंत्री थे। चौधरी को प्रगतिवादी सोच का नेता माना जाता है।अंबिका चौधरी अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। उनको अखिलेश ने बर्खास्त कर दिया था। इससे पहले भी वह लंबे समय तक मुलायम सिंह यादव सरकार में भी कैबिनेट मंत्री के पद पर काम कर चुके थे।