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संसद में काम नहीं होने पर पीएम मोदी ने जताई चिंता, छोड़ा वेतन और भत्ता

नई दिल्ली। विपक्षी सांसदों के विरोध के बीच संसद में चल रहा बजट सत्र का दूसरा चरण शुक्रवार को खत्म हो गया. यह सत्र 2000 के बाद सबसे कम कामकाज वाला सत्र साबित हुआ है. सत्र में कामकाज नहीं होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख प्रकट किया है. कोई काम नहीं होने से पीएम मोदी ने इस सत्र का अपना वेतन और भत्ता छोड़ने का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री के साथ बीजेपी के तमाम सांसदों ने भी सत्र के दौरान मिलने वाला वेतन और भत्ता नहीं लेने का फैसला किया है. इसके

23 दिन का वेतन-भत्ता छोड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में काम नहीं होने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. इसके लिए उन्होंने 23 दिन का वेतन नहीं लेने और गतिरोध के लिए विपक्षी दल को जिम्मेदार ठहराते हुए घोषणा की कि भाजपा सांसद 12 अप्रैल को इसके विरोध में अनशन करेंगे. उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है.

सबसे कम कामकाज
बता दें कि 29 जनवरी से 6 अप्रैल तक दो चरणों में संपन्न हुए बजट सत्र में लोकसभा में मात्र 23 प्रतिशत और राज्यसभा में 28 प्रतिशत कामकाज हुआ. साल 2000 के बाद यह अबतक का सबसे कम कामकाज वाला सत्र रहा. संसद में काम नहीं होने के लिए बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस संसद के दोनों सदनों में गतिरोध के लिए एकदूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि सत्र के पहले चरण में लोकसभा में किए गए काम का प्रतिशत 134 और राज्यसभा के काम का प्रतिशत 96 रहा था. पहले चरण में लोकसभा की सात और राज्यसभा की आठ बैठकें हुई थीं.

दूसरी ओर पांच मार्च से शुरू हुए दूसरे चरण में दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार हंगामे के कारण बाधित रहने के कारण कामकाज में तेजी से गिरावट दर्ज की गई. अनंत कुमार ने बताया कि इस चरण में लोकसभा में चार प्रतिशत और राज्यसभा में आठ प्रतिशत काम ही हो सका.

शोध संस्था के आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा में निर्धारित समय का 21 प्रतिशत समय कामकाज में खर्च हुआ और राज्यसभा में 27 प्रतिशत समय का ही उपयोग हो पाया. मौजूदा 16वीं लोकसभा में अभीतक कामकाज का स्तर 85 प्रतिशत और राज्यसभा में 68 प्रतिशत रहा है.

उप राष्ट्रपति ने जताई चिंता
बजट सत्र के अंतिम दिन सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने पारंपरिक संबोधन में पिछले 23 दिनों से लगातार कार्यवाही बाधित रहने पर गंभीर चिंता व्यक्त की. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सभापति कार्यालय में नायडू से नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद सहित अन्य दलों के नेताओं ने मुलाकात कर उनकी चिंता से सरोकार व्यक्त किया.

कांग्रेस रखेगी उपवास
कांग्रेस ने संसद में गतिरोध के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने के सरकार के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता नौ अप्रैल को सभी राज्य एवं जिला मुख्यालयों पर विभिन्न मुद्दों पर भाजपा के झूठों को बेनकाब करने के लिए एक दिन का उपवास करेंगे. कांग्रेस ने कहा कि संसद में कामकाज नहीं होने के लिए सरकार ही जिम्मेदार है. पार्टी ने संसद में कामकाज नहीं होने के कारण राजग सांसदों द्वारा 23 दिन का वेतन नहीं लेने के कदम को हथकंडा और नौटंकी बताया

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्यसभा सभापति से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया कि सदन का सत्रावसान नहीं किया जाए ताकि इसे दो सप्ताह के लिए फिर से बुलाया जा सके. पार्टी ने कहा कि इस दौरान राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा करवाई जाए जो हंगामे और अड़चनों के कारण नहीं हो सकी. लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई. कांग्रेस ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी राज्यों एवं जिला मुख्यालयों पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा देश में शांति, भाईचारा एवं सौहार्द्र को बढ़ावा देने के लिए उपवास करने की घोषणा की है.

कांग्रेस का आरोप- मुद्दों से बचती रही बीजेपी
खड़गे ने पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी एवं मेहुल चोकसी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी जान-पहचान होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह बैंक घोटाले के मामले पर नियमों के तहत सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा करवाना चाहते थे और इसके लिए पार्टी ने नोटिस भी दिए थे. उन्होंने कहा कि हम किसानों, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते मूल्य, आंध्र प्रदेश का मुद्दा, राफेल विमान सौदा, एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून से जुड़े मुद्दों को सदन में उठाना चाहते थे.