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संघ से नजदीकियां बढ़ाकर BJP में घुसपैठ की कोशिश में लगे पॉवर ब्रोकर अमर सिंह, दान किए 51 लाख

नई दिल्ली। मुलायम परिवार में मचे घमासन के चलते अखिलेश यादव की ओर से दुत्कारे जाने के बाद पॉवर ब्रोकर अमर सिंह को नया ठिकाना चाहिए। चुनाव दर चुनाव  भाजपा की जीत के चलते हर दलबदलू की तरह अमर सिंह की पहली पसंद भगवा झंडा उठाना है।  लिहाजा भाजपा में घुसपैठ के लिए वे संघ से नजदीकियां गांठने में लगे हैं। इसके लिए संघ के अनुषांगिक संगठनों के कार्यक्रमों को फाइनेंस  करना भी शुरू कर दिए हैं। सत्ता की दलाली के लिए बदनाम रहे अमर सिंह पर अब संघ और भाजपा के नेता सचमुच में मेहरबान होते हैं या नहीं। यह वक्त बताएगा। हालांकि अमर सिंह कोई मौका नहीं छोड़ रहे।

दरअसल महाराणा प्रताप ने जिस हल्दीघाटी में युद्ध किया था, उससे 25 किमी और उदयपुर के पास महाराणा प्रताप गौरव केंद्र की ओर ऊंची प्रतिमा स्थापित हुई है। बताया जा रहा कि यहां विश्व की सबसे बड़ी महाराणा प्रताप की अष्टधातु की मूर्ति स्थापित हुई है। 57 फीट ऊंची इस प्रतिमा का वजन 40 हजार किलो है। इसके लिए राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने 51 लाख रुपये दान किए। वहीं जी नेटवर्क के मालिक सुभाष चंद्रा ने भी एक करोड़ रुपये। सूत्र बताते हैं कि यह कार्यक्रम संघ के राष्ट्रीय सेवा भारती की ओर से आयोजित हुआ। जिसमें राष्ट्रीय सेवा भारती के राष्ट्रीय महामंत्री आरपी डडवाल और क्षेत्रीय संघचालक भगवता प्रसाद वर्मा मौजूद रहे।

कभी स्टॉक एक्सचेंज की ब्रोकिंग बिजनेस से जुड़े रहे अमर सिंह जब सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के करीब आए तो पॉवर ब्रोकर बन गए। देश के बड़े-बड़े बिजनेस घरानों से मुलायम को चंदा दिलाने से लेकर जोड़-तोड़ की गणित खेलने लगे। यहां तक कि यूपीए सरकार मे न्यूक्लियर डील के दौरान भी संसद में नोटकांड के दौरान भी अमर सिंह का नाम आया। एस्सार लीक के मुताबिक अमर सिंह ने केतन पारेख स्कैम की जांच कर रहे जेपीसी की जांच को मैनेज किया था।

इससे पहले अमर सिंह का आडियो क्लिप लीक हुआ था। जिसमें वह मुलायम सिंह से लेकर कई प्रभावशाली लोगों से डीलिंग करते मिले। यही नहीं फिल्म अभिनेत्री बिपाशा बसे से उनकी फोन पर डर्टीटॉक भी लीक हो चुकी है।