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शिवपाल ने नेताओं को पार्टी से निकाला, अखिलेश बोले, ‘कोई भी अपने पद से इस्तीफा न दे’

akhilesh1लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की तरफ से अखिलेश के करीबी मान जाने वाले तीन विधान पाषर्दों सहित पार्टी के सात पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसके बाद अब अखिलेश ने नेताओं और कार्यर्ताओं से अपील की है कि कोई भी न तो प्रदर्सन करे और न ही अपने पद से इस्तीफा दे.

अखिलेश ने कहा, ‘’समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय नेताजी  (मुलायम सिंह यादव) की तरफ से लिए गए फैसले का सम्मान करना पार्टी के प्रत्येक पदाधिकारी और कार्यकर्ता की सर्वोच्च जिम्मेदारी है. इसलिए कोई भी पार्टी पदाधिकारी या कार्यकर्ता न तो प्रदर्शन करे और न ही अपने पद से इस्तीफा दे.’’

इस दौरान अखिलेश ने कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए हैं. सरकार ने विशिष्ट शिल्पकारों को एक हज़ार से बढ़कर दो हज़ार रुपए देने का फैसला किया है. इतना ही नहीं  हाईकोर्ट की फ़ीस और भत्ते और आने वाले समय में ज़िला वकीलों को भी दिए जाएंगे. वहीं आरटीई सेE से जिन बच्चों का एडमिशन हुआ है उनको भी सभी जरुरी सुविधाएं दी जाएंगी.

कैबिनेट में फैसला हुआ है कि भदोही में 50 करोड़ की लागत से एक कॉरपोरेट डिजाइनिंग इस्टीट्यूट बनाया जाएगा. इस दौरान अखिलेश ने कहा कि हम सभी समाजवादी लोग एक होकर काम करेंगे और साम्प्रदायिक ताक़तों को रोक कर एक बार फिर हम राज्या में सरकार बनाने के लिए काम करेंगे.

बता दें कि पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ ‘‘अभद्र टिप्पणी’’ करने, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने तथा अनुशासनहीनता के आरोप में शिवपाल ने जिन सात लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया है, उनमें तीन विधानपाषर्द. सुनील सिंह साजन, आनंद भदौरिया और संजय लाथर शामिल हैं.

इन तीनों के अलावा, शिवपाल ने सपा के युवा मोर्चा के प्रदेश प्रमुख मोहम्मद एबाद, सपा युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष ब्रिजेश यादव, सपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दूबे, और छात्र सभा के प्रदेश प्रमुख दिग्विजय सिंह देव को भी इन्हीं आरोपों में पार्टी से बाहर निकाल दिया है.

अखिलेश का समर्थन करने वाले कैंप ने इस घटनाक्रम का विरोध किया है. गौरतलब है कि आपसी झगड़े में उलझे शिवपाल और मुख्यमंत्री अखिलेश के बीच सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने दो दिन पहले ही सुलह करायी थी.