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शिवपाल ने काटा अखिलेश के खास का टिकट, मचा सियासी घमासान

pd logकौशाम्बी। समाजवादी पार्टी ने आखिरकार चायल से चंद्रबली पटेल का टिकट काट ही दिया। पार्टी ने पिछले विधान सभा चुनाव में बगावत का झंडा बुलंद करने वाले शशि भूषण द्विवेदी उर्फ़ बालम महाराज को मैदान में उतार दिया है। जैसे ही सपा प्रदेश अध्यक्ष ने प्रत्याशी बदलने की घोषणा किया वैसे ही जिले का सियासी समीकरण बदल गया।
समाजवादी पार्टी ने चायल विधानसभा से पूर्व में चंद्रबली पटेल को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। चंद्रबली 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी से बहुत कम वोटों से पराजित हो गए थे। 2012 के चुनाव में चंद्रबली की हार का ठीकरा सपा छोड़ अपना दल से चायल में चुनाव लड़ने वाले शशि भूषण द्विवेदी उर्फ़ बालम महाराज के ऊपर फोड़ा गया था।
बालम ने सपा से टिकट न मिलने पर बगावत करते हुए अद के बैनर तले चंद्रबली को ताल ठोका था। बालम को लगभग पच्चीस हजार वोट मिले थे। इस चुनाव बाद बालम लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा में शामिल हो गए थे। 2014 में सिराथू विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव के समय सपा दिग्गजों ने बालम को एक बार फिर पार्टी में शामिल किया था। उसके बाद से ही चर्चा थी कि बालम को चायल से सपा का प्रत्याशी घोषित किया जायेगा। हालांकि ऐसा नही हुआ और सपा ने एक बार फिर चंद्रबली पर दांव आजमाने का फैसला किया। हालांकि चंद्रबली के टिकट पर पार्टी का एक धड़ा शुरू से ही असंतुष्ट रहा है। असंतुष्टों ने प्रदेश स्तर पर इस बात का विरोध भी जताया था।
चायल से घोषित प्रत्याशी चंद्रबली के खिलाफ अंदर ही अंदर बगावत के सुर को पार्टी ने संजीदगी से लेते हुए उनकी जगह बालम को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के घोषणा की जानकारी जैसे ही जिले में पहुंची वैसे ही बालम समर्थकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। चंद्रबली पटेल के समर्थकों को इस घोषणा के बाद जैसे सांप सूंघ गया हो, उनके मुंह से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं निकली। फिलहाल चेसल से सपा का टिकट बदले जाने के बाद यहां का सियासी समीकरण भी बदलना तय है। सपा ने जिस तरह ब्राह्मण प्रत्याशी पर दांव लगाया है उससे कई राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं।