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वेंकैया नायडू होंगे एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार, कल सुबह 11 बजे दाखिल करेंगे नामांकन

नई दिल्ली। एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के लिए वेंकैया नायडू का नाम तय हो गया है. बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में शहरी विकास मंत्री नायडू के नाम पर फैसला लिया गया. संसदीय बोर्ड की बैठक में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने नायडू के नाम का प्रस्ताव रखा जिस पर सबने सहमति जतायी. वेंकैया नायडू का नाम फाइनल होने के बाद उन्हें लड्डू भी खिलाया गया.

आपको बता दें कि एबीपी न्यूज़ ने सूत्रों के हवाले से पुख्ता खबर दी थी कि बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में वेंकैया नायडू के नाम पर ही फैसला होगा. जानकारी के मुताबिक नायडू कल सुबह 11 बजे नामांकन दाखिल करेंगे. इससे पहले वे शहरी विकास मंत्री और सूचना प्रसारण मंत्री के पद से इस्तीफा देंगे.

वेंकैया नायडू के नाम का औपचारिक एलान करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, ”संसदीय बोर्ड की बैठक में फैसला हुआ केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू एनडीए की ओर से उपराष्ट्पति पद के उम्मीदवार होंगे. एनडीए के सभी सहयोगी दलों ने वेंकैया नायडू के नाम का स्वागत किया है, कल सुबह 11 बजे वे नामांकन दाखिल करेंगे. वेंकैया जी बचपन से बीजेपी के साथ जुड़े हैं और संगठन से लेकर सरकार तक में अहम भूमिका निभा चुके हैं. कई नामों पर चर्चा हुए वेंकाया जी सबसे अनुभवी है इसलिए उनके नाम पर फैसला हुआ.”

वेंकैया नायडू के नामांकन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहेंगे. चार नामांकन पत्रों का सेट पहले से ही तैयार कर लिया गया है. एक नामांकन पत्र पर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 35 सांसदों के हस्ताक्षर पहले से ही पार्टी ने करवा लिए हैं. दूसरे नामांकन पत्र के सेट पर अरुण जेटली के नेतृत्व में पार्टी ने 35 लोगों के हस्ताक्षर करवाए हैं. हालांकि उपराष्ट्रपति के लिए प्रस्तावकों और समर्थकों की संख्या कुल बीस होनी चाहिए लेकिन कहीं कोई कमी ना रह जाए इसलिए पार्टी ने 35-35 लोगों से हस्ताक्षर करवाए हैं. कल दो सेट जमा करवाए जाएंगे अगर जरूरत पड़ी तो आगे भी दो सेट और जमा किए जा सकते हैं.

नाम का एलान होने के बाद नायडू अटल बिहारी वाजपेयी और मुरली मनोहर जोशी और पार्टी के अन्य बड़े नेताओं से मिलने के लिए जाएंगे. इससे पहले वे शहरी विकास मंत्री और सूचना प्रसारण मंत्री के पद से इस्तीफा देंगे. नियम के मुताबिक उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति के पास लाभ का कोई पद नहीं होना चाहिए.

वेंकैया नायडू का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी से है. समीकरण के हिसाब से उपराष्ट्रपति चुनाव में वेंकैया नायडू की जीत पक्की मानी जा रही है. उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचक कालेज में 790 सदस्य हैं जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं. वेंकैया को चुनाव जीतने के लिए 393 वोट चाहिए जबकि उनके पास 406 सांसदों का समर्थन है. इस लिहाज से वेंकैया नायडू की जीत पक्की मानी जा रही है.

कौन हैं वेंकैया नायडू?
वेंकैया नायडू मोदी सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक हैं और वो दक्षिण भारत के सबसे पुराने बीजेपी नेताओं में से एक हैं. इसके अलावा वो 2002 से 2004 तक बीजेपी अध्यक्ष भी थे. आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिला के रहनेवाले वेंकैया नायडू बीजेपी में शामिल होने से पहले 70 के दशक में आरएसएस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में उल्लेखनीय योगदान दे चुके हैं.

आपतकाल के दौरान वो जय प्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़े थे और उस समय वो जेल भी गये थे. 1978 और 1983 में नेल्लौर से विधायक चुने के बाद वो पहली बार 1998 में राज्यसभा सांसद बने. अभी वो राजस्थान से राज्यसभा सांसद है और मोदी सरकार में उनकी भूमिका एक संकटमोचक के तौर पर है.

सूत्रों के मुताबिक खुद प्रधानमंत्री मोदी ने वैंकेया नायडू को फोन किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि वो नहीं चाहते हैं कि उनकी कैबिनेट का कोई साथी दूसरी जगह पर जाए लेकिन कभी कभी ऐसे फैसले करने पड़ते हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री ने इस पर आखिरी फैसला लेने का अधिकार वैंकेया नायडू पर ही छोड़ दिया था. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी वैंकेया नायडू से बात कर आखिरी फैसला लेने को कहा था.

कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए ने उप राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर रखी है. यूपीए की तरफ से उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी है. पश्चिम बंगाल के गवर्नर रहे गोपाल कृष्ण गांधी महात्मा गांधी के पोते हैं. कांग्रेस सहित 18 विपक्षी पार्टियों ने गोपाल कृष्ण को अपना समर्थन देने का एलान कर रखा है.

उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान पांच अगस्त को होंगे. इस पद के लिए नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 18 जुलाई है. उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचक कालेज में 790 सदस्य हैं जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन को निर्वाचक कालेज में जबर्दस्त बहुमत हासिल है.