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विपक्ष के शोरशराबे से उत्तर प्रदेश विधान परिषद की कार्रवाई स्थगित

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लखनऊ। विपक्षी दलों के हंगामे और शोरशराबे के कारण आज विधान परिषद की कार्यवाही बमुश्किल 15 मिनट ही चल पायी। पूर्वाह्न 11 बजे उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था, बढ़ते अपराधों, बुंदेलखंड में सूखे की मार से प्रभावित किसानों द्वारा खुदकशी करने, गन्ना किसानों के बकाये, जर्जर सड़कों के मुद्दों को उठाते हुए उन पर चर्चा कराने के लिए प्रश्नकाल को स्थगित करने की मांग की। उनके इतना कहते ही बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के सदस्य हाथों में पोस्टर लेकर सदन के वेल मे आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के कारण कार्यकारी सभापति ने प्रश्नकाल को पहले दस मिनट के लिए स्थगित किया जिसे बाद में बढ़ाकर दोपहर 12 बजे तक कर दिया गया।

दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू होते ही नसीमुद्दीन ने उन्हीं मुद्दों को उठाते हुए चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने तंज किया,’सूखा नहीं अकाल है, सपाई मालामाल हैं। इस पर नेता सदन अहमद हसन ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए सदन के कामकाज में व्यवधान डाला जा रहा है। उनके यह कहते ही बसपा, भाजपा और कांग्रेस के सदस्य सभापति के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। जब विपक्षी सदस्य नहीं माने तो सभापति ने शोरशराबे के बीच एजेंडे का काम निपटाया। इसके बाद सपा के नरेश चंद्र उत्तम ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश ही किया था कि कार्यकारी सभापति ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।

शोरशराबे के बीच ही सदन ने बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय और सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय गोदीपुरम, मेरठ की प्रबंध समितियों में विधान परिषद के एक-एक सदस्यों को नामित करने का अधिकार सभापति को दिया।