नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावो में धमाकेदार जीत दर्ज करने के बाद अब बीजेपी को अपनी पसंद का राष्ट्रपति मिलना तय है। बताया जा रहा है कि इसके लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का नाम सामने आया है। कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति के बारे में नाम तय करने के लिए यूपी चुनाव के नतीजों से पहले सोमनाथ में एक मीटिंग तय की गई। इस मीटिंग में बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ साथ खुद आडवाणी भी मौजूद थे। इस मीटिंग में मोदी ने संकेत दिया कि उनकी तरफ से ये आडवाणी को गुरुदक्षिणा होगी। इस तरह के नतीजे सामने आने के बाद आडवाणी का नाम राष्ट्रपति पद के लिए फाइनल माना जा रहा है। सोमनाथ में हुई उस बैठक में पीएम मोदी के साथ अमित शाह, आडवाणी, केशुभाई पटेल भी मौजूद थे।
उस वक्त ही मोदी ने संकेत दे दिया था कि अगर उत्तर प्रदेश के नतीजे मनमुताबिक रहे तो आडवाणी को वो राष्ट्रपति के पद पर देखना चाहेंगे। आपको बता दें कि इसी साल जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। कहा जा रहा है कि आडवाणी और मोदी की सोमनाथ में हुई बैठक कई मायनों में बेहद अहम है। आपको याद होगा कि 1990 में आडवाणी ने सोमनाथ से ही अयोध्या की यात्रा की शुरूआत की थी, इस वक्त उन्होंने अपने सारथी के रूप में नरेंद्र मोदी को प्रोजेक्ट किया था। ये ही वो वक्त थआ जब नरेंद्र मोदी ने नेशनल पॉलिटिक्स में एंट्री मारी थी। इसके बाद तडो मोदी का सफरनामा आगे ही बढ़ता गया और आज वो देश के सबसे ताकतवर शख्स यानी देश के प्रधानमंत्री के पद पर बैेठे हैं।
इसके अलावा मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनवाने में भी आडवाणी का अहम रोल था। गुजरात में 2002 में दंगे हुए थे और कहा जाता है कि उस वक्त अटल बिहारी वाजपेई मोदी से नाराज चल रहे थे। कहा जाता है कि उस वक्त आडवाणी ने ही मोदी का बचाव किया था। 2014 में लोकसभा चुनाव हुए तो बीजेपी ने मोदी को पीएम पद के लिए प्रोजेक्ट किया था। उस वक्त आडवाणी ने ही इस बात का विरोध शुरू किया था। इसके बाद जब मोदी पीएम बने तो आडवाणी ने मौन साधा था। लेकिन उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के चुनावी नतीजे देखने के बाद आडवाणी ने सुलह की पॉलिसी अपनाई। इस वक्त देखा जाए तो राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वोटों की वैल्यू 10,98,882 है। राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए 5.49 लाख वोट चाहिए।
चुनाव से पहले बीजेपी अलायंस के पास 4.57 लाख वोट थे। यानी बीजेपी को 92 हजार वोटों की जरूरत थी। अब पांच राज्यों में चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी के पास 96508 वोट वैल्यू है। इनमें से अकेले उत्तर प्रदेश विधानसभा के वोटों की वैल्यू 67600 है। यानी कुल मिलाकर देखें तो इस लिहाज से यूपीए और थर्ड फ्रंट मिलकर भी बीजेपी की बराबरी नहीं कर पाएंगे। कुल मिलाकर कहें तो आने वाला राष्ट्रपति बीजेपी की पसंद का होगा। अब देखना ये है कि क्या वो राष्ट्रपति मोदी की पंसद होगा। अगर ऐसा होता है तो लालकृष्ण आडवाणी का राष्ट्रपति बनना तय है। जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि सोमनाथ में हुई मीटिंग में मोदी अपने मन की बात रख चुके हैं। बस देखना ये है कि कितने लोग इस बात पर राजी होते हैं।