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लद गए तीन तलाक वालों के दिन…रंग लाया पीएम मोदी का महाअभियान !

नर्इ दिल्ली। तीन तलाक को लेकर देशभर में घमासान मचा है और इस बीच मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इसके खिलाफ उतर आया है। इस बोर्ड के ताजा बयान से तो फिलहाल ये ही लग रहा है। इस बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफनामा दायर किया। बोर्ड ने कहा है कि वो लोगों को एडवाइजरी जारी करेगा और इस प्रभा के खिलाफ जागरूक करेगा। बोर्ड ने कहा कि सोशल मीडिया, वेबसाइट और बाकी सोर्स के माध्यम से वो मुस्लिमों को इसके खिलाफ जागरूक करेगा । बोर्ड ने कोर्ट में 13 पेज का लंबा चौड़ा हलफनामा दायर किया। इसके साथ ही बोर्ड ने कहा कि इस कुप्रथा को रोकने की पूरी कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही बोर्ड का कहना है कि अपने विचारों को लोगों तक पहुंचाने के लिए वो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का भी इस्तेमाल करेंगे।

इसके साथ ही कहा जा रहा है कि जल्द ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड लोगों तक उनके घरों में जाकर भी जानकारी देगा। ट्रिपल तलाक आज भारत में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। तमाम मुस्लिम महिलाएं इस बात की शिकायत पीएम मोदी से कर चुके हैं। बोर्ड ने अब कह दिया है कि शरीयत में ये प्रथा नापसंदीदा है। निकाह कराने वाला शख्स ‘निकाहनामे’ में अब ये शर्त डालने का सुझाव देगा कि पति एक बार में ट्रिपल तलाक नहीं देगा। सुप्रीम कोर्ट में जब इस बारे में सुनवाई की गई तो बोर्ड अब डैमेज कंट्रोल मोड में है।

कोर्ट के सामने AIMPLB ने माना था कि वो सभी काजियों को अडवाइजरी जारी करेगा कि वो ट्रिपल तलाक पर महिलाओं की भी राय लें। दरअसल कोर्ट ने कहा था कि क्या ऐसा नहीं हो सकता कि महिला को भी ट्रिपल तलाक के लिए ना कहने का अधिकार मिले। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने  सवाल किया था। कपिल सिब्बल से पूछआ गया कि क्या ये संभव है कि किसी महिला को निकाह के वक्त ये अधिकार दिया जाए कि वो ट्रिपल तलाक को स्वीकार नहीं करेगी?

इसके साथ ही कोर्ट ने पूछा कि क्या AIMPLB द्वारा सभी काजियों को निर्देश दिया जाएगा कि वो निकाहनामे में ट्रिपल तलाक पर महिला की मर्जी को भी शामिल करें। इसके साथ ही कोर्ट ने इस पर तीखी टिप्पणियां की थी। कोर्ट ने साफ लफ्जों में कहा था कि ट्रिपल तलाक शादी खत्म करने का सबसे घटिया तरीका है। वहीं, तीन तलाक पीड़ितों में से एक की ओर से अदालत में राम जेठमलानी आए थे। जेठमलानी ने इस प्रथा की कठोर शब्दों में आलोचना की थी। जेठमलानी ने ट्रिपल तलाक को ‘घृणित’ बताया और कहा कि ये महिलाओं को समानता का अधिकार नहीं देता।