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‘रिश्वत’ वाले बयान पर केजरीवाल की बढ़ी मुश्किल, चुनाव आयोग ने दिया FIR का आदेश

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ FIR का आदेश दिया है। केजरीवाल ने 8 जनवरी को गोवा में एक चुनावी सभा के दौरान वोटर्स से दूसरी पार्टियों से पैसे लेने और आम आदमी पार्टी को वोट देने की अपील की थी। इस बयान के लिए चुनाव आयोग ने केजरीवाल को चेतावनी दी थी जिस पर AAP नेता ने आयोग के फैसले को असंवैधानिक और गलत बताते हुए कोर्ट में जाने की बात कही थी।

EC directs necessary legal action be initiated by filing an FIR/complaint against Arvind Kejriwal for statements on & after 8 Jan in Goa

क्या है मामला
8 जनवरी को अरविंद केजरीवाल ने गोवा के बेनौलिम विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली के दौरान लोगों से अपील की थी कि वे कांग्रेस और बीजेपी से पैसे लें मगर वोट आम आदमी पार्टी को दे। उन्होंने रैली में कहा था, ‘यदि कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार पैसे देते हैं तो मना मत कीजिए। उसे ले लीजिए क्योंकि यह आपका पैसा है… लेकिन जब वोट देने की बारी आती है तो आप उम्मीदवार के सामने वाला बटन ही दबाइए।’

पिछले हफ्ते चुनाव आयोग ने केजरीवाल को उनकी इस टिप्पणी के लिए कड़ी फटकार लगाते हुए पार्टी की मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी थी। चुनाव आयोग ने केजरीवाल को झिड़की देते हुए कहा था कि आगे से वह चुनाव के दौरान अपने भाषणों में संयम बरतेंगे। आयोग ने कहा, ‘आप यह भी ध्यान रखें कि अगर भविष्य में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होता है तो आयोग इलेक्शन सिंबल्स (रिजर्वेशन ऐंड अलॉटमेंट) ऑर्डर ऐक्ट के पैरा 16 के तहत आपके और आपकी पार्टी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।’

पैरा-16 के तहत चुनाव आयोग को आचार संहिता के उल्लंघन की दशा में किसी पार्टी की मान्यता को खत्म या निलंबित करने का अधिकार है। इससे पहले चुनाव आयोग ने 16 जनवरी को अरविंद केजरीवाल को कारण बताओं नोटिस जारी किया था।

केजरीवाल ने आयोग के फैसले को बताया था ‘असंवैधानिक’
चुनाव आयोग से फटकार के बाद अरविंद केजरीवाल ने आयोग पर पलटवार किया था। उन्होंने चेतावनी के फैसले को ‘गैरकानूनी, असंवैधानिक और गलत’ करार देते हुए इसे अदालत में चुनौती की बात कही थी। हालांकि आम आदमी पार्टी आयोग के फैसले के खिलाफ अदालत नहीं गई। इतना ही नहीं AAP संयोजक ने चुनाव आयोग को सुझाव देते हुए कहा था, ‘मैं समझता हूं कि चुनाव आयोग को इसे अपना नारा बना देना चाहिए कि उन्हें वोट न दें जो आपको पैसे दें, वोट उन्हें दें जो आपको पैसे न दें।’