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राष्ट्रपति ट्रंप के पहले भाषण के दौरान अमेरिकी सेना ने की गड़बड़ी?

वॉशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उनके खिलाफ कई रैलियां निकल रही हैं और विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। इन सबके बीच एक नई जानकारी सामने आई है। जब ट्रंप राष्ट्रपति के तौर पर अपना पहला भाषण दे रहे थे, उसी समय पीछे कुछ सैनिकों की गतिविधियों ने इस आशंका को जन्म दिया है कि शायद अमेरिकी सेना के बहुत सारे लोग भी ट्रंप के निर्वाचन से खुश नहीं हैं। ट्रंप ने जैसे ही अपना भाषण शुरू किया, ठीक उसी समय वहां मौजूद सुरक्षा बलों के कई सदस्य चलकर उनके पीछे पहुंचे और उदासीन रूप से वहां खड़े हो गए।

देखने वालों को ऐसा लग सकता था कि यह सब स्वभाविक और तयबद्ध तरीके से हो रहा है, लेकिन सभी जवान वहां काफी अस्वाभाविक तौर पर खड़े थे। तभी वहां सेना की वर्दी में एक और जवान आया। वह एक-एक करके बाकी के सभी जवानों के पास पहुंचा और उसने सभी से कुछ कहा। एक जवान ने हामी में सिर हिलाया और फिर बाकी सभी जवान ट्रंप का भाषण खत्म होने से पहले ही वहां से चले गए। चूंकि यह पूरी गतिविधि ट्रंप के पीछे हो रही थी, ऐसे में वह कुछ देख नहीं पाए और स्वाभाविक तौर पर अपना भाषण देते रहे।


ट्रंप के भाषण के दौरान ये सभी जवान अचानक ही उनके पीछे आकर खड़े हुए और भाषण खत्म होने से पहले वहां से चले गए…

ट्रंप अपने भाषण की शुरुआत करते हुए बराक और मिशेल ओबामा को सत्ता परिवर्तन में सहयोग के लिए धन्यवाद दे रहे थे। वहां मौजूद दर्शकों में हिलरी क्लिंटन और जॉर्ज बुश भी थे। बारिश से बचने के लिए बुश और हिलरी दोनों प्लास्टिक कवर खोल रहे थे। ट्रंप ने कहा, ‘आज के कार्यक्रम का खास महत्व है। आज सत्ता केवल एक प्रशासन से दूसरे प्रशासन के हाथ में या फिर एक पार्टी से दूसरे राजनैतिक दल के हाथ में नहीं जा रही है। हम आज वॉशिंगटन डीसी से लेकर आपको, जनता को, सत्ता लौटा रहे हैं।’ ठीक इसी समय सेना के कुछ जवान ट्रंप के पीछे चलते नजर आए।

ये सभी जवान राष्ट्रपति ट्रंप के पीछे करीब 40 सेकंड तक खड़े रहे। इसी बीच सेना का एक अन्य जवान ऊपर मंच पर चढ़कर उन जवानों के पास आया और उसने एक-एक करके सभी जवानों से कुछ कहा। उसकी बात सुनने के बाद एक जवान ने सहमति में सिर हिलाया और सभी जवान वापस लौट गए। यह सब क्या था, इस बारे में स्थिति साफ नहीं हो पाई है। इस बारे में अभी तक कोई कुछ नहीं कह रहा है, लेकिन इतना साफ है कि यह ना तो प्रोटोकॉल था और ना ही नियमित कार्रवाई का हिस्सा।