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रामगोपाल यादव की सपा में हुई वापसी, मुलायम ने रद्द किया निलंबन

mulayam-ramgopalलखनऊ। रामगोपाल यादव की समाजवादी पार्टी में वापस हो गई। इस आशय की घोषणा सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने आज की। यही वजह है कि मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव को राज्यसभा में पार्टी का नेता बनाए रखा है। यहां तक कि रामगोपाल यादव के निष्कासन की सूचना भी राज्यसभा के सभापति कार्यालय को नहीं दी गई है।

लखनऊ में बीते दिनों हुई समाजवादी पार्टी संसदीय दल की बैठक हुई थी। इसमें राज्यसभा में पार्टी का नेता चुनने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह को दे दिया गया था। लेकिन मुलायम ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया। रामगोपाल यादव ने जिस तरह बुधवार को राज्यसभा में सपा का पक्ष रखा उससे उनकी मजबूत होती स्थिति का पता चलता है।

संसद का सत्र शुरू होने से ठीक पहले सैफई में रामगोपाल यादव ने जो आंसू बहाए लगता है उनसे भी मुलायम सिंह कुछ पिघले हैं। रामगोपाल यादव के मजबूत होने से सपा परिवार के विवाद में शिवपाल यादव की स्थिति कमजोर होगी। शिवपाल यादव ने ही रामगोपाल यादव के निष्कासन का पत्र जारी किया था।

शिवपाल यादव ने अध्यक्ष बनते ही रामगोपाल यादव के समर्थकों को पार्टी से बाहर कर दिया था। सपा परिवार के विवाद में रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव खुलकर एक दूसरे के खिलाफ हैं। रामगोपाल यादव ने इस पूरे मामले में अखिलेश यादव का खुलकर साथ दिया है। रामगोपाल के पार्टी में वापस आने की संभावना का एक बड़ा कारण पार्टी में अखिलेश यादव का मजबूत होना भी है।

अखिलेश यादव ने पहले रथयात्रा और बाद में सपा रजत जयंती समारोह में खुद को साबित किया। मुलायम सिंह ने भी रथयात्रा को झंडी दिखाई और अखिलेश की तारीफ की। इससे ये संकेत जा रहा है कि ‘नेताजी’ अब अखिलेश से नाराज नहीं हैं। दूसरी ओर अखिलेश यादव ने बर्खास्त मंत्रियों के प्रति अभी तक कोई नरमी नहीं दिखाई है। रामगोपाल यादव यदि सपा में वापस आते हैं तो मुलायम सिंह यादव के लिए सबसे बड़ी चुनौती शिवपाल यादव को संभालना होगा।

सपा परिवार के विवाद में शिवपाल यादव ने अपना और अपने साथियों का मंत्री पद गंवाया है। उन्हें रामगोपाल का फिर से मजबूत होना जरूर अखरेगा। इस पूरे घटनाक्रम में उनके अगले मूव पर सबकी नजर रहेगी।समाजवादी पार्टी से निष्कासित पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ रामगोपाल यादव ने एक प्रेसवार्ता कर कहा कि मुख्यमंत्री को नजरअंदाज कर पार्टी में टिकट बांटे जा रहे हैं।

पार्टी से निष्कासन के प्रश्न के जवाब में डॉ यादव ने कहा कि मैं अपने को समाजवादी पार्टी का सदस्य मानता हूं और पार्टी सदस्य होने के नाते ही यह बयान दे रहा हूं। रामगोपाल यादव ने कहा कि विधायकों और सांसदों की मांग है कि बिना मुख्यमंत्री की अनुमति के टिकट बंटवारा नहीं किया जाए।

अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाए. निकाले गए सभी पार्टी नेताओं को वापस बुलाया जाए। सपा अध्यक्ष हमारी मांगें माने या फिर अधिवेशन बुलाएं. डॉ रामगोपाल यादव ने दावा किया कि मैंने सपा का संविधान लिखा और मैंने सपा को हर मुश्किल से निकाला. उन्होंने कहा कि सपा को बचाने के लिए मैंने कानूनी लड़ाई लड़ी। सपा में जारी अंदरूनी लड़ाई के प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि इससे अखिलेश यादव पूरे देश में एक मजबूत नेता के तौर पर उभरकर सामने आए हैं।