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राफेल डील: कांग्रेस का सरकार पर निशाना, कहा, डील से ‘मेक इन इंडिया’ गायब

rafale-congressनई दिल्ली। कांग्रेस ने भारत और फ्रांस के बीच साइन हुए राफेल डील को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यूपीए के शासनकाल में एयरफोर्स को मजबूत करने के लिए 126 राफेल एयरक्राफ्ट्स खरीदने की तैयारी थी। मोदी सरकार ने केवल 36 विमान खरीदे। कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि सरकार बताए कि यह कैसी तैयारी है, चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों से कैसे निपटा जाएगा? कांग्रेस ने कहा कि यूपीए के दौरान जो डील फाइनल की जा रही थी उसमें 108 एयरक्राफ्ट्स भारत में डिवेलप करने का प्लान था, पर इस डील में सब फ्रांस से मंगाए जाएंगे। कांग्रेस ने कहा कि डील से Make In India का पहलू ही गायब हो गया।

पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राफेल डील को लेकर गंभीर सवाल उठाए। इस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी सरकार पर निशाना साधा है। गौरतलब है कि शुक्रवार को भारत और फ्रांस के रक्षा मंत्रियों ने राफेल डील पर साइन किए। यह डील 7.88 अरब यूरो (करीब 58 हजार 853 करोड़ रुपये) की है। इसके तहत भारत को फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान मिलेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपीए के शासनकाल की तुलना में मोदी सरकार ने इस डील में करीब 75 करोड़ यूरो (करीब 5601 करोड़ रुपये) की बचत की है। हालांकि कांग्रेस ने इस दावे पर सवाल उठा दिया है।

पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि यूपीए के दौरान डील अपने फाइनल कॉन्ट्रैक्ट तक नहीं पहुंची थी। उस दौरान कीमतों को लेकर बातचीत जारी थी। एंटनी ने कहा कि ऐसे में यूपीए से कीमतों की तुलना ही गलत है। एंटनी ने बताया कि उस दौरान कीमत को लेकर तमाम शिकायतें मिली थीं, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की शिकायतें भी शामिल थीं। एंटनी के मुताबिक उन्होंने सारी शिकायतों के निस्तारण के बाद ही कीमत निर्धारण का आदेश दियाा था। एंटनी ने कहा कि सरकार को फाइनल कॉन्ट्रैक्ट का डिटेल सामने लाना चाहिए तभी कीमतों पर टिप्पणी की जा सकती है।

‘मेक इन इंडिया’ का पहलू गायब
कांग्रेस ने राफेल डील के बहाने मोदी सरकार के बहुचर्चित प्लान Make In India पर भी निशाना साधा। एके एंटनी ने कहा कि यूपीए के दौरान 126 विमानों में से केवल 18 फ्रांस से खरीदे जाने थे, बाकी 108 विमान भारत में ही हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ मिलकर बनने थे। एंटनी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने जो डील की है उसमें से यह शर्त गायब है यानी डील से ‘मेक इन इंडिया’ का पहलू गायब है। एंटनी ने कहा कि इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

एके एंटनी के बाद कांग्रेस के मनीष तिवारी ने भी सरकार पर निशाना साधा। मनीष तिवारी ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में यह सवाल उठाया जा रहा है कि यूपीए जब राफेल खरीदने जा रही थी तो एक की कीमत 725 करोड़ रुपये थी। तिवारी ने कहा कि अब कहा जा रहा है कि एनडीए सरकार ने जो सौदा तय किया उसके अनुसार एक की कीमत 1600 करोड़ रुपये पड़ेगी। मनीष तिवारी ने सरकार से इसपर जवाब मांगा है।