नई दिल्ली। लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल पास हो चुका है और अब बारी राज्य सभा की है। बताया जा रहा है कि कल राज्यसभा में तीन तलाक बिल पेश किया जा सकता है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इस बिल को राज्यसभा में पेश कर सकते हैं। फिलहाल जानकारों का कहना है कि लोकसभा में पास होने के बाद इस बिल को लेकर सरकार के सामने असली मुश्किलें राज्यसभा में आएंगी। सूत्रों के हवाले से खबर है कि संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने इस बारे में कुछ जानकारी दी है कि इस बिल को अब राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। लोकसभा में ये बिल पिछले हफ्ते ही पास हो चुका है।
राज्य सभा में सत्ता पक्ष के पास बहुमत नहीं है, इसलिए कहा जा रहा है कि फ्लोर टेस्ट में इस बिल के पास लेने को लेकर कुछ परेशानियां सामने आ सकती हैं। उधर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि इस बिल को लेकर कांग्रेस पसोपेश में दिख रही है। एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि सरकार तीन तलाक बिल पर कांग्रेस और बाकी दूसरी पार्टियों से बातचीत कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि राज्यसभा में इसे पास कराने में दिक्कत नहीं होगी। उधर सीपीआई का कहना है कि इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए।
डीएमके सांसद कनिमोझी ने भी कहा है कि इस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए। उधर शरद पवार की पार्टी एनसीपी भी इस बिल को राज्यसभा की सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रही है। हालांकि खबरों का कहना है कि कांग्रेस ने इस बिल पर अब तक फैसला नहीं लिया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में कांग्रेस दूसरी पार्टियों से बतचीत कर रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इसमें हर्जाने के प्रावधान समेत कुछ और बदलावों की मांग कर सकती है। इस बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि मुस्लिम महिलाएं इस बिल को लेकर खुश हैं तो फिर कांग्रेस दुखी क्यों है?
राज्यसभा में एनडीए और कांग्रेस दोनों के ही पास 57-57 सीटें हैं। इस वक्त सरकार के सामने परेशानी ये है कि बीजू जनता दल और एआईएडीएमके जैसी पार्टियां भी इस बिल का विरोध कर रही हैं। इससे पहले कई मुद्दों पर ये पार्टियां बीजेपी के साथ थी। अगर ये बिल स्टैंडिंग कमेटी के पास जाता है तो मतलब साफ है कि इस शीतकालीन सत्र में ये बिल पास नहीं हो पाएगा। ये सत्र इस हफ्ते आखिर में खत्म हो जाएगा। इस बिल का कानून बनने के लिए दोनों सदनों से पास होना जरूरी है। अब देखना है कि ट्रिपल तलाक बिल को लेकर राज्यसभा में किस तरह का बवाल मचता है। एक तरफ बीजेपी उम्मीदों से भरी है, तो राह में कांटे भी कम नहीं है।