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राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान दौरे में ऐसे साधा भारत का ‘हित’

rajnathनई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पाकिस्तान दौरे के दौरान पड़ोसी मुल्क के ‘बुरे बर्ताव’ और दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस की खबरें सामने आई थीं। हालांकि पाकिस्तान के रवैये को देखकर इस बात की आशंका पहले से ही थी। यह समझ आ रहा था कि वह इस्लामाबाद में सार्क देशों के मंत्रियों के साथ मुलाकात के लिए राजनाथ सिंह की यात्रा को लेकर कुछ खास उत्साहित नहीं है। इसके बावजूद राजनाथ सिंह अपनी यात्रा के दौरान आतंकवाद को लेकर एक कड़ा संदेश देने और क्षेत्रीय भागीदारी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता साबित करने में सफल रहे।

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार सार्क के प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल अपनी बात रखने के लिए करना चाहती थी। भारत ने सार्क के मंच का इस्तेमाल परोक्ष रूप से आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान का हाथ होने की निंदा के अलावा यह संदेश देने में भी किया कि इस्लामाबाद को भारत के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। पाकिस्तान शायद ऐसे हालात से बचना चाहता था, इसी वजह से राजनाथ सिंह को लेकर वहां ठंडा रवैया देखने को मिला।
राजनाथ सिंह की इस यात्रा ने नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन की भी आधारशिला रखने का काम किया है। सामान्य स्थितियों में पीएम नरेंद्र मोदी के इस सम्मेलन में जाने की उम्मीद है। पाकिस्तान ने राजनाथ सिंह की यात्रा से पहले कश्मीर पर तमाम उग्र बयान दिए और उनके खिलाफ जिहादी संगठनों को प्रदर्शन की अनुमति दी। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान को उम्मीद थी कि ऐसा करने पर राजनाथ सिंह अपनी यात्रा रद्द कर देंगे।

एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान कश्मीर में ब्लैक डे मना रहा था, आईएससआई और सेना ने इस्लामाबाद में आतंकियों को प्रदर्शन की इजाजत दी। इसके अलावा कश्मीर पर नवाज शरीफ ने बयान भी जारी किया। ये सबकुछ राजनाथ सिंह को पाकिस्तान आने से रोकने के लिए किया जा रहा था।

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान का संदेश साफ था कि आपका (राजनाथ) स्वागत नहीं किया जाएगा। लेकिन भारत ने सार्क देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक सहयोग बढ़ाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। साथ ही यह भी दिखाया कि दक्षिण एशिया में भारत क्षेत्रीय सहयोग के केंद्र में है और सुरक्षा को लेकर एक आम सहमति चाहता है।

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान भारत की दृढ़ता को लेकर आश्चर्यचकित था। यही वजह रही कि पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री ने उस लंच में शामिल नहीं हुए, जिसकी मेजबानी खुद उनको करनी थी। सूत्रों का कहना है कि राजनाथ सिंह की यात्रा और इस्लामाबाद में हुआ सार्क सम्मेलन का ‘फल’ पाकिस्तान का पीछा नहीं छोड़ेगा।