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रक्षा मंत्री बनने के बाद बोलीं निर्मला सीतारमण- ‘आलोचनाओं से डरती नहीं हूं’

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी टीम के वरिष्ठ सहयोगियों राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज व अरुण जेटली को लगभग यथावत रखते हुए बेहतर काम करने वाले मंत्रियों को अहम मंत्रालय दिए हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम नई रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का है। रक्षा मंत्रालय अभी तक जेटली के पास अतिरिक्त प्रभार में था।

निर्मला सीतारमण देश की दूसरी महिला रक्षा मंत्री बनीं। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी इस मंत्रालय की जिम्मेदारी अपने पास रखी थी। निर्मला ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर अपनी प्रोन्नति का श्रेय दैवीय कृपा और पार्टी नेतृत्व को दिया है।

शपथ ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा,  ‘कोई ऐसा शख्स, जो छोटे शहर से आया हो, पार्टी नेतृत्व के समर्थन से आगे बढ़ा हो और यदि उसे ऐसी जिम्मेदारी दी जाती है तो कभी कभी ऐसा महसूस होता है कि कहीं न कहीं दैवीय कृपा तो है। अन्यथा यह संभव नहीं होता।’

जब उनसे वाणिज्य मंत्री के तौर पर उनके कामकाज की विपक्ष द्वारा आलोचना किये जाने के बारे में पूछा गया तो भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें आलोचनाओं से न तो परहेज है और न ही वह उससे डरती हैं।

उन्होंने कहा,  ‘हर आलोचना एक संदेश है और हमें उससे सीखना होता है। मुझे आलोचनाओं से न तो परहेज है और न ही मैं उससे डरती हूं, लेकिन निश्चित ही उनसे संदेश लेती हूं।’

उन्होंने कहा,  ‘आलोचना वाकई आपके कामकाज को नुकसान नहीं पहुंचाती बल्कि, यदि आप ऐसे सुधारों, जो अमलयोग्य हों, को स्वीकार करने के लिए तैयार रहते हैं तो आपका कामकाज बेहतर ही होता है।’

सीतारमण ने वाणिज्य मंत्रालय के मेक इन इंडिया जैसी कई पहलें भी गिनायीं।

उन्होंने कहा,  ‘प्रधानमंत्री के सहयोग से मंत्रालय में स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया जैसी कई चीजें हुईं। मेक इन इंडिया के बारे में कुछ गलतफहमियां हैं लेकिन उसका जवाब दे दिया जाएगा।

कैबिनेट दर्जा के साथ पीयूष गोयल को रेल और धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम के साथ कौशल विकास की भी जिम्मेदारी दी गई है। नितिन गडकरी को मौजूदा मंत्रालयों के साथ बेहद अहम नमामि गंगे परियोजना वाला जल संसाधन मंत्रालय दिया गया है।

नई टीम को मिले अहम मंत्रालय

विस्तार में मिशन 2019 की तैयारी के लिए क्षेत्रीय, राजनीतिक व जातीय समीकरणों के हिसाब से नए मंत्री शामिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभागों के बंटवारे में भी नई जोड़ी गई टीम को ज्यादा जिम्मेदारी दी है।

रेल मंत्रालय में नाकाम रहे सुरेश प्रभु अब निर्मला सीतारमण का वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय संभालेंगे। पीयूष गोयल नए रेल मंत्री बने हैं। कोयला मंत्रालय भी उनके पास बना रहेगा, लेकिन उनसे ऊर्जा व खान मंत्रालय कम किया गया है। मुख्तार अब्बास नकवी अब अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री होंगे।

उमा व प्रभु का कद घटा

सरकार में बने रहने के बावजूद उमा भारती व सुरेश प्रभु का कद घट गया है। विजय गोयल भी स्वतंत्र प्रभार से हटकर दो मंत्रालयों के राज्यमंत्री रहेंगे। दूसरी तरफ नौकरशाही से राजनीति में आए नेताओं पर मोदी ने काफी भरोसा जताया है। बिना सांसद मंत्री बने हरदीप पुरी को शहरी विकास व अल्फोंस के जे को पर्यटन मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। आर के सिंह को भी ऊर्जा व नवीनीकरण ऊर्जा दोनों मंत्रालयों का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। राज्य मंत्री रहे संतोष गंगवार, गिरिराज सिंह व राज्यवर्धन राठोड़ को स्वतंत्र प्रभार देकर उनका कद बढ़ाया गया है।

गंगवार, राठोड़ व गिरिराज का कद बढ़ा

कद बढ़ने के साथ गिरिाज सिंह सूक्ष्म व लघु उद्योग, राज्यवर्धन राठोड़ को युवा व खेल और संतोष गंगवार को श्रम व रोजगार मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। महेश शर्मा संस्कृति में स्वतंत्र प्रभार के साथ वन व पर्यावरण में राज्यमंत्री रहेंगे। उनसे पर्यटन लिया गया है।

लाभ में रहे हर्षवर्धन व स्मृति

डा हर्षवर्धन व स्मृति ईरानी के पास जो अतिरिक्त मंत्रालय थे उनको उनके पास बरकरार रखा गया है। इस लिहाज से उनका कद बढ़ा है। तीन मंत्रालय देख रहे नरेंद्र सिंह तोमर से एक मंत्रालय कम किया गया है तो खान एक बार फिर से मिल गया है। शहरी विकास मंत्रालय स्वतंत्र प्रभार में नए हरदीप पुरी को देकर मोदी से बहुत ज्यादा भरोसा दिखाया है।

विजय गोयल व अहलूवालिया को झटका

राज्य मंत्रियों में विजय गोयल, एस एस अहलूवालिया, अर्जुन मेघवाल का कद घटा है। संसदीय कार्य मंत्रालय में बड़े बदलाव हुए हैं। दोनों राज्यमंत्री बदल गए हैं। नकवी अब कैबिनेट मंत्री बन गए हैं, जबकि अहलूवालिया से मंत्रालय ले लिया गया है। अर्जुन मेघवाल व विजय गोयल नए संसदीय कार्य राज्यमंत्री होंगे।

फायदे में रहे ये राज्यमंत्री

लाभ में रहने वाले राज्यमंत्रियों में पी राधाकृष्णन, हरिभाई चौधरी, सी आर चौधरी, पी पी चौधरी प्रमुख है। इनको राज्यमंत्री के रूप में अच्चे मंत्रालय मिले हैं। नए बने राज्यमंत्रियों में सभी को बेहतर मंत्रालय दिए गए हैं।

नए मंत्रियों की पौ बारह

नौ में से तीन को को स्वतंत्र प्रभार मिला है। बाकी छह में शिव प्रताप शुक्ला को वित्त, अश्विनी चौबे को स्वास्थ्य, वीरेंद्र कुमार को महिला बाल विकास व अल्पसंख्यक मामले, अनंत कुमार हेगड़े को कौशल विकास, गजेंद्र सिंह शेखावत को कृषि और सत्यपाल सिंह को मानव संसाधव व जल संसाधन मंत्रालय मिले हैं।