Breaking News

ये नतीजे सड़क से संसद तक की राजनीति बदल देंगे!

नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनावी नतीजों ने देश की राजनीति का भविष्य बदल दिया है.आने वाले समय की राजनीति ने सबके लिए नए रास्ते तय कर दिए हैं. नतीजों से आने वाले कल की राजनीति संसद से सड़क तक बदल जाएगी.

देश में 2014 लोकसभा चुनाव वाली मोदी लहर अब भी बरकरार है नोटबंदी से नाराजगी की बात जड़ से खत्म हो गयी है. बीजेपी ने अपने परंपरागत वोट बैंक में दलित-पिछड़ों के बड़े हिस्से को मजबूती से जोड़ लिया है.

इस जीत के बाद बीजेपी राज्यसभा में मजबूत हो जाएगी. राष्ट्रपति चुनाव में भी मोदी की ताकत बढ़ जाएगी और सबसे बड़ी बात ये कि 2019 के लिए मोदी मजबूत होकर उभरे हैं. मोदी सरकार के कामकाज के खिलाफ अबतक कोई नाराजगी नहीं दिख रही है. समाजवादी पार्टी और बीएसपी को ये जीत बहुत ज्यादा कमजोर कर देगी इतना की 2019 में भी उन्हें 2014 का डर सताता रहेगा.

कांग्रेसमुक्त भारत के अपने एजेंडे में मोदी ने बड़ी कामयाबी पायी है. यूपी जैसे बड़े प्रदेश से कांग्रेस को साफ करके. भविष्य में 2019 के लिए गैरबीजेपी दलों का का एक बड़ा गठबंधन देश में सामने आ सकता है. 2017 के अंत में होने जा रहे गुजरात चुनाव में भी यूपी की जीत का बड़ा असर पड़ेगा. संसद में सरकार को बिल पास करवाने और बड़े नीतिगत फैसले लेने में भी कोई संकोच नहीं करना होगा.

राहुल गांधी के नेतृत्व पर यूपी की जीत ने बड़ा सवाल लगा दिया है. कांग्रेस को अपने अखिल भारतीय पार्टी वाले रुतबे से नीचे उतरना होगा और राष्ट्रीय राजनीति के लिए दूसरे राजनीतिक क्षेत्रीय दलों के साथ नीचे आकर राजनीतिक समझौते करने होंगे जिसकी शुरूआत यूपी के गठबंधन से हो चुकी है.

इसके साथ ही कांग्रेस को अपनी संसदीय राजनीति के तेवर भी ढीले करने पड़ेंगे और राजनीति की नयी योजना तैयार करनी होगी. यूपी की साढे सोलह फीसदी आबादी पर कब्जे के साथ ही अब देश की 58 फीसदी आबादी पर बीजेपी और उसकी सहयोगियों का राज हो गया है.

यहां गौर करने वाली बात है वो ये कि प्रशांत किशोर जैसे रणनीतिकारों के व्यावसायिक हितों को भी यूपी की जीत ने काफी चोट पहुंचा दी है. ऐसे में प्रशांतकिशोर को भी मोदी के खिलाफ अपनी रणनीति और सोच को बदलना होगा.