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ये कांटा नहीं कील है, आसानी से नहीं उखाड़ पाओगे… अब क्या करेंगे लालू!

पटना। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को देवघर चारा घोटाले मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आज 3.5 साल की सजा सुना दी गई है, साथ ही उनपर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जिस दिन लालू को चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिया गया था यानी 23 दिसंबर 2017 को लालू ने लगातार कई ट्वीट किए थे और बीजेपी पर निशाना साधा था. इसी कड़ी में ट्वीट करते हुए लालू ने खुद को कांटा नहीं कील बताया था.

लालू ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि बीजेपी अपनी विफल नीतियों से ध्यान भटकाने के लिए बदले और बैर की भावना से विपक्षियों की छवि बिगाड़ रही है. साथी ही उन्होंने ट्वीट किया कि सामंतीवादी ताकतों, जानता हूं लालू तुम्हारी राहों का कांटा नहीं आंखों की कील है. लेकिन इतनी आसानी से नहीं उखाड़ पाओगे. लेकिन अब चारा घोटाला मामले में उन्हें 3.5 साल की सजा सुनाई गई है और उन्हें जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा.

दोषी करार दिए जाने के बाद लालू ने अपने फैसले को पिछड़ों और दलितों को निशाना बनाने वाली राजनीति बताया था. लालू ने ट्वीट किया कि ताकतवर लोग और वर्ग हमेशा समाज को शासक और शोषित में बांटने का काम करते हैं. जब भी शोषित वर्ग का कोई भी व्यक्ति इस क्रम को चुनौती देता है तो उसे लगातार सजा दी जाती है. बता दें कि लालू सहित 9 दोषियों को 3.5 साल की सजा और 5 लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई है जबकि बाकी अन्य 6 दोषियों को 7 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है.

ये है पूरा मामला

साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपये निकालने का आरोप है. इस दौरान लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. हालांकि, ये पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपये का है, जिनमें से एक देवघर कोषागार से जुड़ा केस है. इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर, 1997 को मुकदमा दर्ज किया था. लगभग 20 साल बाद इस मामले में फैसला आया और दोषियों को सजा सुनाई गई. इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये अवैध ढंग से निकालने के चारा घोटाले के एक दूसरे केस में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है.