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यूपी ATS ने सेना की जासूसी में शामिल इंटरनैशनल कॉल रैकिट का भंडाफोड़ किया, 11 गिरफ्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की आतंकरोधी दस्ते ने बड़ी साजिश को नाकाम करने का दावा किया है। मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात को एटीएस ने यूपी के अलग-अलग हिस्सों और एनसीआर से 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्हें देश के खिलाफ युद्ध भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह ग्रुप पाकिस्तान, नेपाल, यूएई और बांग्लादेश से फोन करने वालों को कथित तौर पर जम्मू और कश्मीर में सैन्य अभियानों के बारे में जानकारी लेने में मदद करता था। ये खुद को सेना के अधिकारी बताकर संवेदनशील जानकारियों को हासिल करते थे।

जासूसी के लिए यह ग्रुप ‘इंटरकनेक्ट बाइपास फ्रॉड’ का सहारा लेता था। इसका मतलब यह है कि यह ग्रुप तकनीक के इस्तेमाल के जरिए फोन करने वालों की पहचान छिपा देते थे। ग्रुप के सरगना की पहचान गुलशन सेन के रूप में हुई है, जो दिल्ली के महरौली का रहने वाला है। करीब 30-35 साल का गुलशन FIITJEE में पढ़ाता है। इसके अलावा इस ग्रुप ने टेलिकॉम सेक्टर में अपनी अवैध गतिविधियों के जरिए सरकार को आर्थिक तौर पर भी चूना लगाया है।

यूपी एटीएस को जम्मू और कश्मीर मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट के जरिए दो महीने पहले इनपुट मिले थे जिसमें करीब 2 दर्जन इंटरनेट कॉल रेकॉर्ड्स की जांच करने को कहा गया था। यूपी एटीएस के इंस्पेक्टर जनरल असीम अरुण ने बताया, ‘जम्मू और कश्मीर में अहम जगहों पर तैनात सैन्य अधिकारियों को लैंडलाइन और मोबाइल नंबरों से फोन आ रहे थे। ये खुद को सेना के बड़े अफसर बताकर कुछ खास जानकारियां मांगते थे। सेना के अफसरों को इन पर शक नहीं होता था और वे उनकी मांगी गई सूचनाओं को उनसे साझा कर देते थे।’

जल्द ही जम्मू और कश्मीर में तैनात इंटेलिजेंस यूनिट को आभास हुआ कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। शक के बाद इंटेलिजेंस यूनिट ने उन नंबरों से संपर्क करने की कोशिश की, जिनसे फोन आते थे। जब उन नंबरों से संपर्क नहीं हो पाया तो इंटेलिजेंस यूनिट का शक पुख्ता हो गया कि सैन्य अभियानों की जासूसी की जा रही है। इसके बाद सेना ने यूपी एटीएस से इस मामले की जांच के लिए कहा। जांच के दौरान पता चला कि सेना के अधिकारियों के मोबाइल फोन पर VoIP (‘वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल’ तकनीक जिसकी मदद से इंटरनेट कॉल की जाती है) ट्रैफिक के जरिए फोन आए थे जो दूरसंचार विभाग द्वारा अवैध घोषित है।

इसके बाद यूपी एटीएस ने टेलिकॉम विभाग से संपर्क किया। जांच के दौरान पता चला कि सैन्य अधिकारियों को विदेशों से इंटरनेट कॉल्स किए गए थे। इसमें यूपी के अलग-अलग जगहों से पकड़े गए ग्रुप ने तकनीकी मदद दी थी। दिल्ली का गुलशन सेन लखनऊ, हरदोई और सीतापुर के तीन अवैध टेलिफोन ऐक्सचेंजों को तकनीकी मदद मुहैया करात था। इसके बाद एटीएस ने तीनों अवैध टेलिफोन ऐक्सचेंजों पर मंगलवार की रात को छापा मारा। पुलिस ने गुलशन सेन के अलावा राहुल रस्तोगी, शिवेंद्र मिश्रा, हर्षित गुप्ता, विशाल कक्कड़, राहुल सिंह, विनीत दीक्षित, ऋषि होरा, श्याम बाबू, उत्तम शुक्ला और विकास वर्मा को गिरफ्तार किया।

इस कार्रवाई में एटीएस की 5 अलग-अलग टीमें लगी थीं जिन्हें कुल 10 मोबाइल फोन, 16 सिमबॉक्स और अलग-अलग कंपनियों के 140 प्रीपेड सिम कार्ड्स मिले हैं। इसके अलावा पुलिस ने 5 लैपटॉप और 28 डेटाकार्ड्स को अपने कब्जे में लिया है। ग्रुप के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।