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यूपी चुनाव से पहले स्वामी की सेना तैयार, सिखाएगी मायावती को सबक

swami moryaलखनऊ। कभी बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबी रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर उनपर निशाना साधा है। मौर्या ने कहा कि कार्यकर्ताओं की जगह मायावती को धन्ना सेठों से अधिक लगाव है।

मौर्य ने 22 सितंबर को रमाबाई मैदान में होने वाली बैठक को लेकर यहां सोमवार को कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कार्यकर्ताओं को कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाया और मायावती का गुरूर तोड़ने की शपथ दिलाई।

राजधानी में स्थित आईएमआरटी के सभागार में मौर्य ने वर्ष 2012 के विधानसभा और 2014 के संसदीय चुनाव की हार का ठीकरा मायावती के सिर फोड़ा।

स्वामी प्रसाद ने कहा, “अगर टिकट को बेचा नहीं गया होता तो जनाधार बढ़ा होता। समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर धन्नासेठों के हाथों खेलना बसपा को भारी पड़ा। इसके लिए 31 अगस्त, 2014 को माया के साथ बैठक कर मैंने आगाह किया था, लेकिन उन्हें समर्पित दलित व पिछड़े कार्यकर्ताओं की अपेक्षा धन्नासेठ ज्यादा प्रिय लगे।”

स्वामी प्रसाद ने कहा, “आबादी के आधार पर दलितों व पिछड़ों को टिकट देने वाली बसपा अब न तो कांशीराम का मिशन रही और न ही अंबेडकर के विचारों वाली पार्टी। यह मायावती की सौदागर पार्टी बन गई है।”

इसके बाद रैली की सफलता के लिए कार्यकर्ताओं में जिम्मेदारी बांटी गई। इसमें लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, खीरी-लखीमपुर, उन्नाव व रायबरेली के डेढ़ सौ से अधिक कार्यकर्ताओं ने शिरकत की।

मंडल स्तर पर तीन पदाधिकारी बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी और जिला स्तर पर प्रभारी, अध्यक्ष महासचिव के अलावा विधानसभावार सचिवों को जिम्मेदारियां सौंपने का निर्णय भी हुआ।