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मोदी चाहते हैं सोए नहीं ‘ट्रिपल तलाक’ का जिन्न? लालकिले से क्यों उठाया मुद्दा

नई दिल्ली। मौजूदा दौर में जब मुस्लिम समाज में इस बात को लेकर बहस हो रही है कि कैसे उनकी बेरोजगारी दूर हो और उनकी जान-माल कैसे सलामत रहे. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से मुसलमानों से जुड़े ऐसे मुद्दे का जिक्र किया जो फिलहाल खामोशी की चादर ओढ़ चुका था. मोदी ने 15 अगस्त के मौके पर ट्रिपल तलाक का जिक्र करके फिर से उसे बहस में ला दिया है.

दरअसल बीजेपी ने यूपी के 2017 विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को खूब हवा दी थी, जिसके चलते काफी मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को वोट भी किया था. 15 अगस्त के मौके पर लालकिले से देश को संबोधन में नरेंद्र मोदी ने ट्रिपल तलाक का जिक्र किया और कहा कि मैं उन माताओं बहनों का अभिनंदन करना चाहता हूं जिन्होंने तीन तलाक की वजह से काफी मुश्किल सहा. इसके बावजूद तीन तलाक के खिलाफ जो उन्होंने संघर्ष किया उसमें देशवासियों ने और मीडिया ने भी साथ दिया, इससे पूरे देश में तीन तलाक के खिलाफ एक माहौल बना. हमें उनको इंसाफ दिलाना है और हिंदुस्तान उनके साथ खड़ा है.

ऐसे में मोदी के मंसूबे साफ है कि ट्रिपल तलाक का मुद्दा जिंदा रहे और बहस लगातार चलती रहे. इसके जरिए एक माहौल बनेगा और सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा. इसीलिए संकेतों में मोदी ने साफ कि ट्रिपल तलाक के आंदोलन में मुस्लिम महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा लें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अगस्त को मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने मुलाकात भी की थी. इस दौरान उन्होंने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर सरकार के कदम की तारीफ की थी. इतनी नहीं उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के हक और हुकूक की बात सरकार के सामने रखी थी.

ऐसे में लालकिले से ट्रिपल तलाक का जिक्र करके नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों के घर-घर में इस बहस को दोबारा से खड़ा कर दिया है. ऐसे में मुस्लिम समाज अब दूसरे मुद्दे पर बात करने के बजाय फिर इसी ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर उलझकर रह जाएगा. क्योंकि मुसलमान हमेशा धार्मिक मामलों पर भावनात्मक तरीके से जुड़ जाता है.

पिछले दिनों कई मुस्लिम महिलाओं ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ अभियान चलाया. इतना ही नहीं कुछ महिलाओं ने तो सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा भी खटखटाया. इसके बाद देश भर में ट्रिपल तलाक को लेकर लंबी बहस हुई है. टीवी चैनलों से लेकर सेमिनार तक में इस मुद्दे पर चर्चा चलती रही. सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर हर रोज सुनावई भी हुई. मोदी सरकार ने जहां ट्रिपल तलाक के खिलाफ न्यायालय में अपना पक्ष रखा, तो वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि ये मामला मुस्लिमों का धार्मिक मामला है. ऐसे में सरकार और कोर्ट इसमें दखलअंदाजी न करे. बावजूद इसके कोर्ट में सुनवाई हुई, और कभी भी फैसला आ सकता है.