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मैं UPA और NDA के बीच फुटबॉल बनकर रह गया हूं : लोन मामले में फंसे विजय माल्या ने किया ट्वीट

नई दिल्ली। लोन मामले में फंसे कारोबारी विजय माल्या आज ट्वीट करके अपनी हालत बताने की कोशिश की है. राजनीतिक दलों पर हमला बोलते हुए माल्या ने लिखा है कि वह एनडीए और यूपीए के बीच फुटबॉल बनकर रह गए हैं. जिसमें कोई रेफरी नहीं है. दरअसल, कुछ दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कारोबारी विजय माल्या को 9000 करोड़ रुपए का लोन दिलाने में पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने मदद की थी. पार्टी ने विजय माल्या के साथ इन दोनों के कथित पत्राचार की जानकारी दी और सभी चिट्ठियां भी मीडिया के सामने पेश कीं. गौरतलब है कि बैंकों से 9000 करोड़ रुपये के लोन डिफाल्ट के मामले में किंग फिशर के मालिक देश छोड़कर पिछले वर्ष ब्रिटेन भाग गए हैं.

बीजेपी ने उस रिपोर्ट का दावा किया जिसमें कहा गया है कि बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या ने लोन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को 2011 और 2013 में पत्र लिखा था. पत्रों में कथित रूप से विजय माल्या ने किंग फिशर के लिए बैकों के कंसोर्टियम से लोन दिलाने के मामले में तेजी लाने का अनुरोध किया था. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने सवालिया लहजे में पूछा, “माल्या को इतनी बड़ा फंड कहां से मिला? क्या डूबते जहाज (कांग्रेस) ने डूबती एयरलाइंस (किंगफिशर) की मदद की.”  पात्रा ने यह भी कहा कि हालांकि पिछला लोन माल्या ने नहीं चुकाया था फिर भी उन्हें बार-बार क्यों लोन दिया गया.

इससे पूर्व माल्या ने ट्वीट करके सीबीआई पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर मामले को भटकाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि ईमेल के जरिए सीबीआई मेरे और यूपीए के बीच सांठगांठ साबित करने की कोशिश कर रही है. माल्या ने दयानिधि मारन पर सीबीआई जांच को ड्रामा करार दिया.

गौरतलब है कि विजय माल्या को भारतीय एजेंसियों ने उन्हें भारत वापस लाने के लिए कई प्रयास किए हैं लेकिन असफल रहे हैं. भारत की अदालतों में माल्या के खिलाफ वारंट जारी किए हैं. उधर, माल्या का कहना है कि वह ‘निर्वासित जीवन’ जीने के लिए विवश हैं.