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मुझे हटाने के लिए अमर सिंह टाइप राइटर मंगवा रहा था

लखनऊ। नेताजी ने कहा कि गरीब महिलाओं को साड़ियाँ मिलना चाहिए. कई महिलाओं के पास एक ही साड़ी है. पता नहीं कैसे धोती होंगी, कैसे पहनती होंगी. हमें नेताजी की बात हमें सही लगी. हमने महिलाओं के लिए न सिर्फ दो-दो साड़ियों की व्यवस्था की बल्कि हमने उन्हें समाजवादी पेंशन देने की व्यवस्था भी की.

सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव के बाद हमने एक्सप्रेस वे तय किया. हमने लैपटाप देना तय किया. मने यह सब पूरा करके दिखाया. अखिलेश ने कहा कि हमें कोई ग़लतफ़हमी नहीं है. मुझे अच्छी तरह से पता है कि पार्टी नेताजी की है. मेरा इसमें कुछ भी नहीं है. मैंने यह बात कई बार कैबिनेट की बैठक में कही है.

उन्होंने कहा कि यह मेरी अच्छी किस्मत है कि मैं नेताजी का बेटा हूँ. मैं मुख्यमंत्री हूँ इस नाते मैंने ऐसे लोगों को सरकार से हटाने का फैसला लिया जो सरकार की छवि खराब कर रहे थे. जो सरकार के खिलाफ साजिशें रच रहे थे.

अखिलेश ने भावुक होकर कहा कि जिन्हें सरकार से हटाया उनके बारे में प्रो. राम गोपाल यादव से कोई बात नहीं हुई. उन्होंने कहा कि राम गोपाल यादव ने कभी किसी को नहीं हटाया. उन्होंने कहा कि मैंने गायत्री प्रजापति और राजकिशोर को हटाया तो गायत्री भागते हुए नेताजी के पास गए. नेताजी ने पूछा तो मैंने बताया कि गायत्री बहुत बेईमान है. फिर भी नेताजी ने कहा तो मैंने गायत्री को फिर से मंत्री बना दिया.

नेताजी ने कहा कि दीपक सिंघल को चीफ सेक्रेटरी बना दो. मैंने बना दिया. अखिलेश ने रुंधे गले से कहा कि नेताजी कहते तो मैं खुद अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे देता. मुझे बहुत दुःख हुआ. मैंने चाचा शिवपाल यादव के विभाग छीने क्योंकि उनके साथ अमर सिंह बैठा हुआ था. अमर सिंह ने चाचा से कहा कि अखिलेश को अध्यक्ष पद से हटाने में इतनी देर क्यों लग रही है. टाइप राइटर न हो तो मैं मंगवा दूं.

अखिलेश ने कहा कि मैंने नेताजी आपकी पार्टी को आगे बढ़ाया. अभी भी बहुत से काम अधूरे पड़े हैं. मैं तो बहुत जल्दी मेट्रो लाने में लगा हूँ. अखिलेश ने भावुक होकर कहा कि अगर यह आपकी पार्टी है तो मैंने आपकी पार्टी को हमेशा आगे बढ़ाने का काम किया है. मैं साफ़ तौर पर कहता हूँ कि अगर कोई नेताजी का वफादार हो और ईमानदार हो तो मैं उसके लिए कुछ भी करने से पीछे नहीं हटूंगा.

नेताजी को याद होगा कि जब नेताजी ने पार्टी बनाई थी तब नेताजी के बारे में अखबार में कार्टून छपा था लेकिन जिस दिन से हमने सरकार बनाई है तब से कभी ऐसा कोई भी काम नहीं होने दिया जिससे नेताजी की प्रतिष्ठा पर ज़रा भी आंच आई हो.

अखिलेश के इस बेहद भाषण में कई बार अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगे और बैठक में मौजूद लोग अखिलेश का समर्थन करते नज़र आये.