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माया और अखिलेश की सरकार में दोनों हाथ से मलाई खाने वाले सहगल को योगी ने किया पैदल, चंद दिन पहले लगायी थी सीएम योगी ने फटकार 

लखनऊ। यूपी में सरकार बदलती रहीं लेकिन बदला नहीं तो सिर्फ एक आईएएस अफसर नवनीत सहगल. सबको मैनेज कर लेने के हुनर वाले सूबे के इस धुरंदर आईएएस अफसर पर अभी तक जितने भी आरोप लगते रहे हैं. सभी में सहगल बड़ी आसानी से बरी हो जाते रहे हैं, लेकिन इस बार जैसे ही सत्ता की कमान बीजेपी के हाथ आयी और योगी आदित्यनाथ सूबे के मुखिया बने. सहगल पर संकट के बादल मंडराने लगे. लेकिन सहगल को ये उम्मीद नहीं थी कि वह योगीजी को मैनेज नहीं कर पाएंगे. दरअसल इसकी प्रमुख वजह यह थी कि जिसने मायावती और अखिलेश को मैनेज कर लिया हो. वह योगी जी को भी बड़ी आसानी से मैनेज कर लेगा.

इसी के चलते आज से 25 दिन पहले जैसे ही यूपी के सीएम के लिए योगी आदित्यनाथ का नाम घोषित किया गया और वह लोकभावन से वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंचे. उनके पीछे-पीछे सहगल भी उन्हें बधाई देने जा पहुंचे. इतना ही नहीं सहगल लगातार सीएम योगी से चिपकने की कोशिश करते रहे. सूत्रों के मुताबिक जब अति हो गयी और सीएम योगी के घांस ना डालने के बाद भी जब वह उनके पीछे साये की तरह मंडराते रहे तो अंत में एक दिन सीएम योगी ने उन्हें फटकार भी लगा दी कि आप यहां बिना वजह चक्कर ना लगाओ. हम आपको जानते हैं और जब जरुरत होगी तो बुला लेंगे. बताया जाता है कि सीएम का यह संदेश मिलने के बाद से ही सहगल घबरा गए थे कि अब उनकी दाल यहां नहीं गलने वाली. यही नहीं इससे पहले योगीजी से नजदीकियां बढ़ाने के लिए सूबे के बड़े आईएएस अफसर कहे जाने वाले नवनीत सहगल ने सत्ता के गलियारे में प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर देश की राजधानी तक में बैठे अपने बड़े राजनीतिक आकाओं से भी सीएम योगी को सिफारिश करने में कोई कसर नहीं बाकि रखी.

लेकिन पिछले कई सालों से यूपी की सरकार के सबसे नजदीकी कहे जाने वाले इस घोटालेबाज आईएएस अफसर की दाल सीएम योगी के आगे नहीं गली. प्रदेश में चाहे मायावती की सरकार रही हो या अखिलेश यादव की. दोनों ही सरकारों में मुख्यमंत्री के सबसे नजदीक रहे आईएएस अफसर नवनीत सहगल ने दोनों ही हाथों से मलाई का स्वाद चखा. बताया जाता है कि पिछली सरकार के कई बड़े घोटालों में सहगल का नाम सबसे ऊपर लिया जा रहा है. समझा जाता है कि ‘आगरा एक्सप्रेस वे’ हो या रिवर फ़्रंट सबमें सहगल की रजामंदी से 2 का 4 करने की बजाय सीधे 8 कर दिया गया है. जिसके चलते सहगल सीएम योगी के निशाने पर हैं और उनके विरुद्ध जाँच के आदेश भी जल्दी ही दिए जा सकते हैं.

फिलहाल योगी सरकार ने सत्ता संभालने के 25 दिन वाद पहला बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए बुधवार को 20 आईएएस अफसरों के तबादले कर दिए. इसमें से नौ अधिकारियों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है. इन सभी अधिकारियों में पूर्ववर्ती मायावती और अखिलेश सरकार के खास बताये जा रहे हैं. मायावती और अखिलेश सरकार के खासमखास माने जाने वाले इन आईएएस अफसरों में नवनीत सहगल से सभी चार्ज छीनकर  अवनीश अवस्थी को दे दिया गया है.

इसी तरह अखिलेश के खास आईएएस रमारमण को भी वेटिंग में डाल दिया गया है. मायावती सरकार से लेकर अखिलेश यादव तक आईएएस रमा रमण का जादू चलता रहा है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा या फिर यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में चाहे जितने भी बड़े घोटाले हुए हो, लेकिन रमा रमण की कुर्सी बरकरार रही. यही वजह थी कि हाईकोर्ट को उन्हें हटाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा. इसी तरह अखिलेश सरकार में मुख्यमंत्री की सचिव रहीं अनीता सिंह को भी वेटिंग में डाल दिया गया है. उनकी जगह मृत्यंजय नारायण को मुख्यमंत्री का सचिव बनाया गया है.इनके अलावा यूपीएसआईडीसी से अमित घोष, गुरुदीप सिंह, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के वीसी विजय यादव, डिंपल वर्मा को भी वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया है. गुरुदीप सिंह को अवैध खनन मामले में हटाया गया है. उनकी जगह आरपी सिंह को खनन प्रमुख सचिव बनाया गया है. डिंपल वर्मा की जगह अनीता मेश्राम को सचिव बाल विकास बनाया गया है. अमित घोष की जगह रणवीर प्रसाद को यूपीएसआईडीसी की जिम्मेदारी दी गई है. अमित मोहन प्रसाद को सीईओ नोएडा और ग्रेटर नोएडा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. अलोक सिन्हा को प्रमुख सचिव अद्द्योगिक विकास का चार्ज मिला है. लखनऊ के कमिशनर भुवनेश कुमार को भी हटा दिया गया है.