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मायावती के शासन के दौरान बनी इमारतों, पार्को को संवारने का योगी ने उठाया जिम्मा, माया को नहीं थी इसकी उम्मीद

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती फिलहाल पार्टी से निष्कासित किए गए मुस्लिम नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के साथ आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रही हैं। लेकिन इसी बीच एक ऐसी खबर आई है, जिससे उन्हें थो़ड़ी सी खुशी जरूर मिलेगी। भले ही मायावती विपक्ष की नेता हैं, लेकिन कुछ मामले में सत्ता पक्ष उनका व उनकी योजनाओं का समर्थन करता दिख रहा है। ताजा जानकारी के अनुसार यूपी की भाजपा सरकार ने मायावती के शासन के दौरान बनी इमारतों, पार्को को संवारने का जिम्मा उठाया। इसके बारे में एलडीए सचिव सीमा सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि स्मारकों को दुरुस्त करने के लिए शासन से बजट जारी हो गया है। 10 करोड़ रुपए से स्मारकों को संवारा जाएगा। इसके लिए जल्द ही टेंडर भी निकाले जाएंगे।
राजधानी लखनऊ में बने स्मारत जैसे कांशीराम इको ग्रीन गार्डेन, कांशीराम स्मारक, बौद्ध विहार शान्ति उपवन, स्मृति उपवन, अम्बेडकर गोमती पार्क, रमाबाई रैली स्थल, डॉ. भीम राम अम्बेडकर स्मारक व अन्य पार्कों का सौंदर्यीकरण होगा।
पूर्व की सपा सरकार में इन स्मारकों पर कोई कार्य नहीं हुआ था जिससे इनकी सुंदरता लगातार धूमिल हो रही थी। अब पांच साल बाद भाजपा के शासन में आने के बाद इस पर कार्य होना शुरू होगा। इसके लिए सीएम योगी ने आदेश भी जारी कर दिए व बजट पास कर दिया है। एलडीए व स्मारक समिति ने सबसे पहले स्मारकों और पार्कों की लाइटें दुरुस्त करना शुरू किया है जो काफी समय से खराब प़ड़ी थी। फिलहाल केवल वहीं जरूरी काम किए जा रहे हैं, जिससे स्मारक की रौनक लौट सके।
स्मारक समिति के अधिकारियों का कहना है कि इतनी तेजी से आज तक बजट पास नहीं हुआ। दरअसल मायावती के स्मारकों को सुधारने का बजट केवल दो दिन में ही शासन ने जारी कर दिया। एलडीए उपाध्यक्ष ने जिस दिन स्मारकों के मेंटिनेंस के बजट के संबंध में लेटर भेजा था उसके ठीक दो दिन बाद बजट जारी हो गया।