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महेंद्र सिंह धोनी की सैलरी पर सवाल उठाना भारी पड़ा पाकिस्तानी दिग्गज रमीज़ राजा को

पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज़ रमीज़ राजा को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दिए गए ‘ए’ ग्रेड कॉन्ट्रैक्ट पर सवाल खड़ा करना भारी पड़ा, और सोशल मीडिया पर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों ने उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई…

दरअसल, रमीज़ राजा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से आग्रह किया है कि हर साल में दो महीने का वक्त सिर्फ टेस्ट मैचों के लिए तय कर दिया जाना चाहिए, ताकि खेल के इस सबसे लम्बे फॉरमैट को बचाया जा सके… एमसीसी वर्ल्ड क्रिकेट कमेटी के सदस्य रमीज़ राजा का कहना है कि भले ही इंग्लैंड जैसे देशों में आज भी टेस्ट मैच देखने के लिए भीड़ पहुंच जाती है, लेकिन कुछ हद तक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसी घरेलू टी-20 प्रतियोगिताओं की वजह से एशियाई देशों में टेस्ट के प्रति लोगों की रुचि घटती जा रही है…

रमीज़ राजा ने यह भी कहा कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) जैसी राष्ट्रीय खेल नियामक संस्थाओं की भी इसमें भूमिका रही है… अपनी बात को सही साबित करने के लिए रमीज़ राजा ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को बीसीसीआई द्वारा दिए गए ‘ए’ ग्रेड कॉन्ट्रैक्ट का भी ज़िक्र किया… उन्होंने कहा, “आपको टेस्ट क्रिकेट के दर्जे को सम्मान देना होगा, और उसे स्वीकार करना होगा… और यह क्रिकेट बोर्डों की ओर से होना चाहिए, खासतौर से एशिया में… उदाहरण के तौर पर, एमएस धोनी टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं, फिर भी बीसीसीआई द्वारा उन्हें ‘ए’ ग्रेड कॉन्ट्रैक्ट दिया गया… इसी तरह शाहिद आफरीदी टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं, फिर भी पीसीबी ने उन्हें ‘ए’ ग्रेड कॉन्ट्रैक्ट दिया…”

भारतीय क्रिकेट प्रशंसक रमीज़ राजा के इस तर्क को हज़म नहीं कर पाए, और उनका जमकर मज़ाक उड़ाने लगे… कुछ भारतीय प्रशंसकों ने रमीज़ को पीसीबी पर ध्यान देने की सलाह दी, जबकि कुछ ने तो उनके कमेंटेटर होने पर भी सवाल खड़े कर दिए… कुछ ने उन्हें महेंद्र सिंह धोनी की इज़्ज़त करने की नसीहत दी, और कुछ ने कहा कि उन्हें सालों तक चैम्पियन्स ट्रॉफी में भारतीय टीम पर पाकिस्तान को मिली जीत का जश्न मनाते रहना चाहिए…

रमीज़ राजा का कहना है कि एशिया में यह (टेस्ट क्रिकेट) काफी दबाव में है, लेकिन अगर सलीके से योजना बनाकर टेस्ट मैच चैम्पियनशिप आयोजित की जाए, तो सब कुछ सही हो सकता है, वरना ज़्यादा से ज़्यादा उपलब्ध पैसा टी-20 लीगों पर ही खर्च किया जाता रहेगा, जिससे अंततः टेस्ट क्रिकेट को भारी नुकसान होगा..