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महाराष्ट्र सरकार राख से कमाएगी 1500 करोड़

pd logमुंबई। महाराष्ट्र सरकार जल्द ही ‘राख नीति’ बनाएगा। ऊर्जा मंत्री चंद्रशेकर बावनकुले ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसकी वजह से महाराष्ट्र को हर साल 1500 करोड़ रुपये का फायदा होने का अनुमान है। राख की बिक्री बेहद फायदेमंद सौदा माना जाता है। बिजली बनाने वाले पावर प्लांटों से निकलने वाली राख की खासी मांग है। सिंगापुर और दुबई में इसकी अच्छी मांग है। बावनकुले ने बताया कि राख के निर्यात के लिए पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति लेना पड़ेगी। इसके बाद राख का बड़े पैमाने पर निर्यात शुरू किया जा सकेगा।

महाराष्ट्र में सरकारी ‘महानिर्मिती’ बिजली का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसलिए व्यापक पैमाने पर राख उपलब्ध है। बिजली के उत्पादन में कोयला जलने के बाद ये राख फेंकी जाती है। इसके व्यवसायिक इस्तेमाल का नया रास्ता खुलने की उम्मीद की जा रही है। यह आशा जताई जा रही है कि बिक्री की गई राख से गांवों का विकास भी साधा जा सकेगा। जिन इलाकों में गांव विद्युत इकाइयों के नजदीक है, वहां राख से मिले पैसे विकास कार्यों पर खर्च करने का सरकार का इरादा है। इस तरह 500 से 600 करोड़ रुपये की राशि विकास के लिए गांवों को मिलने की उम्मीद है।

वैसे सीमेंट कंपनियों को राख की जरुरत पड़ती है। इसको देखते हुए बिजली इकाइयों के पास ही सीमेंट कंपनियों के लिए जमीन देने की नीति पर भी विचार किया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि जल्द ही राख नीति का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा।