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महाराष्ट्र निकाय चुनाव…बीजेपी को चौतरफा फायदा…शिवसेना की अकड़ गायब !

मुंबई। महाराष्ट्र में निकाय चुनावों के नतीजे सामने आने लगे हैं। इस बार के चुनाव कई मायनों में बेहद खास हैं। पहली बात तो ये है कि इस बार शिवसेना और बीजेपी अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं। राज्य सरकार में बीजेपी के साथ सत्ता का स्वाद चख रही शिवसेना लगातार बीजेपी पर हमलावर हो रही है। जिसके बाद लगातार कहा जा रहा है कि शिवसेना बीजेपी से अपना नाता तोड़ सकती है। बहरहाल इस बार दोनों ही दलों ने अपने दम पर चुनाव लड़ा। इसके बाद बीजेपी फायदे में दिख रही है। अभी तक जो रुझान मिले हैं उनके मुताबिक 8 निकायों में मुंबई छोड़कर बीजेपी सभी जगह पर आगे हैं। ये खबर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस के लिए खुशखबरी से कम नहीं है। उन्होंने प्रचार में पूरी ताकत लगा दी थी।

महाराष्ट्र निकाय चुनावों में बीजेपी के लिए खुशखबरी इस बात की है कि वो शिवसेना को कड़ी टक्कर दे रही है। बीएमसी में शिवसेना सबसे बड़े दल के रूप में उभर रही है तो बीजेपी दूसरे नंबर पर है। गौरतलब है कि पिछले चुनाव में बीजेपी के खाते में महज 31 सीटें आई थी। इस बार वो 60 सीटों जीत हासिल कर सकती है। ये खबर अपने आप में बीजेपी के लिए अहम है। इसके अलावा दूसरे निगमोों में भी बीजेपी शिवसेना से आगे नजर आ रही है। 10 निगमों में से 7 में बीजेपी आगे दिख रही है। खास बात ये है कि इन निगमों में बीजेपी की पकड़ कुछ खास नहीं थी। इन सबको देखते हुए कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव बीजेपी के लिए चौतरफा खुशी ले कर आए हैं।

खास बात ये है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने प्रचार की कमान खुद अपने हाथ में संभाल रखी थी। 22 चुनावी सभाओं को उन्होंने संबोधित किया। फणनवीस के लिए ये चुनाव इतने महत्वपूर्ण हैं इसका अंदाजा उनके बयान से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी हारती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी वो खुद लेंगे। जाहिर है कि सीएम की प्रतिष्ठा इन चुनावों में दांव पर लगी हुई थी। ऐसे में अब साफ होता जा रहा है कि देवेंद्र फणनवीस का दांव कामयाब रहा है। भले ही मुंबई में शिवसेना बहुमत हासिल कर ले, लेकिन बीएमसी में भी बीजेपी मजबूत हुई तो इसका पूरा श्रेय देवेंद्र फणनवीस को जाता है। निकाय चुनाव के बाद राज्य में तेजी से समीकरण बदल सकते हैं। चुनाव के नतीजे राज्य सरकार को भी प्रभावित कर सकते हैं।

बता दें कि शिवसेना लगातार बीजेपी पर हमला कर रही है। वो गठबंधन से हटने की धमकी लगातार दे रही है। माना जा रहा है कि बीएमसी में बहुमत हासिल करने के बाद शिवसेना महाराष्ट्र सरकार से अलग हो सकती है। ऐसा होता है तो राज्य सरकार के लिए दििक्कत आ सकती है। वहीं बीएमसी में भी बहुमत न मिलने की सूरत में शिवसेना ने बीजेपी से समर्थन लेने से साफ इंकार कर दिया है। कुल मिलाकर राज्य के निकाय चुनाव बीजेपी के लिए खुशी का पैगाम लेकर आए हैं। देखना है कि इसके बाद के समीकरण किस तरह से बैठते हैं। बीजेपी भी शिवसेना को छोड़कर दूसरे विकल्पों की तरफ ध्यान लगा रही है। इन चुनावों को केंद्र सरकार के काम से भी जोड़ा जा रहा था। नोटबंदी जैसे मुद्दों पर विरोधी केंद्र सरकार पर हमलावर हो रहे थे। ऐसे में जनता का फैसला बीजेपी के लिए राहत भरा दिख रहा है।