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महाराष्ट्र: किसानों के परिवार को नहीं मिला पूरा मुआवजा

mumbai7-1मुंबई। अच्छी बारिश और लहलहाती खेती के बावजूद किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इस साल अगस्त तक 2,053 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। दूसरी ओर, बीजेपी सरकार ने आत्महत्या करने वाले किसान परिवार को दी जाने वाली मदद राशि एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा 18 महीने पहले की थी। परंतु अब तक उस पर अमल नहीं किया गया। इस पर विपक्ष सरकार के खिलाफ आगामी शीतकालीन सत्र में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने जा रहा है।

CM के विदर्भ में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं

राज्य में राजस्व विभाग के अनुसार, इस साल जनवरी से अगस्त तक करीब 2,053 किसानों ने आत्महत्या की। इनमें सबसे ज्यादा किसान विदर्भ से हैं, जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का मतदान क्षेत्र आता है। वहां 917 किसानों ने आत्महत्या की है। मराठवाडा विभाग दूसरे नंबर पर है, जहां 745 किसानों ने आत्महत्या की है। वहीं, उत्तर महाराष्ट्र में 366 और पश्चिम महाराष्ट्र में 55 किसानों ने आत्महत्या की। कोकण विभाग से किसी भी किसान के आत्महत्या की खबर नहीं है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा, ‘सरकार के मंत्री सदन में जो घोषणा करते हैं, उसे अमल में नहीं लाते। इसके खिलाफ आगामी शीतकाल सत्र में हम सरकार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएंगे। सरकार के झूठ को किसानों के सामने लाएंगे।’