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मराठाओं में भड़की चिंगारी, मुंबई का ‘चक्का जाम’ करेंगे

mahaमुंबई। महाराष्ट्र के मराठाओं में धधक रही आग मूक आंदोलन के रूप में सामने आ रही है। बेहद ही शांति पूर्ण और व्यवस्थित तरीके से आंदोलन किया जा रहा है। आंदोलन में भाषणबाजी नहीं होती और नहीं नारे लगाए जाते है। औरंगाबाद के आंदोलन का स्वरूप इतना विशाल था कि पांच किलोमीटर तक सिर्फ सिर ही सिर दिखाई दे रहा था। आंदोलन में लाखों लोग शामिल हो रहे हैं।

आने वाले दिनों में इस तरह के आंदोलन महाराष्ट्र के सभी जिलों में किए जाएंगे। बताया जा रहा कि मुंबई में होने वाले आंदोलन में 25 लाख से ज्यादा लोग आएंगे। एक लाख से ज्यादा लोग बाइक पर आएंगे।मराठा आंदोलन की उपज अहमद नगर जिले के कोपर्डी बलात्कार की घटना है। दिल दहला देने वाले बलात्कार की घटना में शिकार बच्ची मराठ समाज से थी और उस पर जुल्म करने वाले आरोपी पिछड़े समाज से थे।

कोपर्डी बलात्कार की उस घटना ने मराठा समाज के लोगों को झकझोर कर रख दिया। समाज में लोगों के दिलों में चिंगारी की लौ जलने लगी। गुस्से की उस चिंगारी की पहली आग औरंगाबाद में आंदोलन के रूप में सामने आई। औरंगाबाद का वह आंदोलन ऐतिहासिक आंदोलन साबित हुआ। आंदोलन में इतनी भीड़ जमा हुई जिसे देखकर औरंगाबाद के लोग भी दंग रह गए। एक साथ में इतने लोगों को इससे पहले औरंगाबादवासियों ने कभी नहीं देखी।

औरंगाबाद के आंदोलन की आग दूसरे जिलों में पहुंचने लगी। मंगलवार को जलगांव, बीड और उस्मानाबाद में आंदोलन किया गया। इन सभी आंदोलनों में ऐतिहासिक भीड़ जमा हुई। मुंडे परिवार के वर्चस्व वाले बीड़ जिले में आंदोलन का नया कीर्तिमान स्थापित किया। देश की आजादी के बाद पहली बार मराठा समाज एकजुट होकर इस तरह के आंदोलन कर रहा है।

आंदोलन की उपज कोपर्डी बलात्कार की घटना बताया जा रहा है। बलात्कार की घटना के बारे में बताया जा रहा है कि बलात्कार का एक आरोपी ने पीड़ित लड़की के परिवार की खिलाफ ही ऐक्ट्रासिटी ऐक्ट के तहत मामला दर्ज कराया है। इसी बात से आंदोलित है। समाज के लोगों का कहना है कि बलात्कार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बजाय उस पर ही मामला दर्ज किया गया। और ऐसा इसलिए हुआ कि पीड़ित लड़की मराठा समाज से है। ऐसी हालत में मराठा समाज के कई सारे अलग-अलग संगठन एक प्लैटफार्म पर आ गए हैं और ऐक्ट्रासिटी ऐक्ट को रद्द करने और बत्कारियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग के साथ आंदोलन शुरू कर दिया है।

आंदोलन की खास बात

मराठा समाज के आंदोलन की खास बात है कि लोग बिना किसी नारेबाजी, घोषणाबाजी के मार्च करते हैं। किसी को तकलीफ नहीं देते। मंच से भाषण नहीं दिया जाता। इस आंदोलन में मराठा समाज से सभी दलों के लोग शामिल हो रहे हैं। पैदल मार्च में सबसे आगे बच्चियां होती। उसके बाद क्रमश: कॉलेज की लड़कियां, महिलाएं, युवक, सामान्य जनता, नेता व अंत में कार्यकर्ता होते हैं। ये कार्यकर्ता सबसे अंतिम में चलते हैं और आंदोलन के दौरान फैला कचरा उठाते हैं। जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने आंदोलन खत्म होता है। कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाता है। आंदोलनकर्मी किसी तरह का शोरशराबा नहीं करते।

मुंबई में जमा होंगे 25 लाख लोग

आंदोलनकारी जल्द ही मुंबई में अपनी ताकत दिखाएंगे। बताया जा रहा है कि करीब 25 लाख मराठा मुंबई में आएंगे। एक लाख से ज्यादा बाइक का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।

उत्तर महाराष्ट्र के मराठा लीडर लालाधर पाटिल ने बताया, मराठा समाज के साथ जो अन्याय हो रहा है। उसके खिलाफ यह आंदोलन है। कोपर्डी बलात्कार की घटना के खिलाफ है। एक तरफा ऐक्ट्रासिटी कानून के खिलाफ है। इस आंदोलन में किसी को बुलाने की आवश्यकता नहीं हो रही है, लोग खुद से सामने आ रहे हैं।